जमशेदपुर : सेन्टर आफ एस्ट्रोलोजिकल स्टडी एंड रिसर्च द्वारा जमशेदपुर के बिष्टुपुर स्थित राम मंदिर सभागार में 29 वाँ विश्व ज्योतिष सम्मेलन के दूसरे दिन के मुख्य अतिथि मुरलीधर केडिया और नेपाल के डॉक्टर देवी प्रसाद खनाल एवं डॉ उज्जवल राय विशिष्ट अतिथि ने संयुक्त रूप से दीप प्रज्वलित कर उदघाटन किया. मुख्य अतिथि ने अपने संबोधन में कहा कि ज्योतिषियों को अपना कार्य कर्तव्यनिष्ठ और ईमानदारी से अपना काम करना चाहिए. श्री केडिया ने कहा कि पूरे विश्व से ज्योतिष इस सम्मेलन मे भाग लिए उससे झारखंड की धरती भी पवित्र हो गई. उदघाटन समारोह के बाद विश्व के विभिन्न देशों एवं प्रांतों से आये ज्योतिषियों का शाल और मेमोंटो देकर सम्मानित एवं स्वागत किया गया और प्रो संजीत कुमार शास्त्री ने ज्योतिषियों द्वारा ज्योतिष के क्षेत्र में महत्वपूर्ण योगदान के लिए उन ज्योतिषियों को सम्मानित किया गया.
इस सम्मेलन में कोलकाता के ज्योतिष डाक्टर विकास राहा द्वारा लिखित बुक का नाम कृष्णमुर्ति पद्धति ज्योतिष का विमोचन किया गया. प्रथम सत्र मे चिकित्सा ज्योतिष के विषय पर ज्योतिषियों के द्वारा व्याख्यान दिया गया. झारखंड प्रदेश के रांची से आये ज्योतिष महात्मा पांडेय ने शुगर बीमारी के लिए कदम पेड़ का छाल का काढा के ऊपर कहा कि वैसे मरीजों को उसका सेवन करना चाहिए. झारखंड प्रदेश के राँची के ज्योतिष डॉक्टर नरेन्द्र कुमार ने मुख से संबंधित कैंसर (ल्यूकोप्लेकिया) के लिए विस्तार से राशियों में विभिन्न ग्रहों की उपस्थिति पर व्याख्यान दिया. नेपाल के ज्योतिष हरिहर अधिकारी ने अपने व्याख्यान मे कहा कि पूर्णिमा के आसपास होने से मुख्यत आत्महत्या की संभावना बनती है और उस समय काल में पुरे विश्व में आत्महत्या की घटना में काफी बढोतरी हो जाती है. ज्योतिष अधिकारी ने जानकारी देते हुए बताया कि चंद्रमा इस दौरान पृथ्वी के नजदीक रहता है. चूंकि चंद्रमा मन का कारक ग्रह है, अत कुंडली में चंद्रमा अशुभ स्थिति में रहने से लोग अवसाद में चले जाते हैं और आत्महत्या कर सकते हैं. राजस्थान प्रदेश के उदयपुर के ज्योतिष डॉक्टर प्रेमा चंडालिया ने मनुष्य के शरीर में उपस्थित विभिन्न चक्रों और उनके रोगों से संबंध में विस्तार से प्रकाश डाला. नई दिल्ली की ज्योतिष निरुपमा यादव ने कुंडली में अवसाद की स्थिति पर ग्रहों के राशि पर विशेष रूप से बताया गया. सम्मेलन के दूसरे सत्र में हस्तरेखा के बारे में विभिन्न ज्योतिषियों ने अपने-अपने ढंग से और जानकारीनुसार अपना व्याख्यान दिया.
अंत मे पूरे विश्व से आये ज्योतिषियों का स्वागत संस्थापक संजीत कुमार शास्त्री ने स्वागत भाषण कर किया. आज के समारोह के सफल संचालन में मुख्य रूप से सुशील शर्मा, राकेश कुमार तिवारी, अभिजित् चक्रवर्ती, डा सुरेश झा, बाबू विचित्रबेड़ा, जेभी मुरलीकृष्ण, एवं सुरेन्द्र सिंह का महत्त्व पूर्ण योगदान रहा. ज्योतिष सम्मेलन के दूसरे दिन के अंतिम सत्र में निशुल्क ज्योतिष परामर्श का आयोजन किया गया जिसमें लगभग 400 स्थानीय व्यक्तियों को निशुल्क परामर्श दिया गया. निशुल्क परामर्श में कुल 20 काउंटर लगाए गए, जिसमें देश-विदेश से आए मुख्य ज्योतिष के रूप में 20 से 25 ज्योतिषियों ने भाग लिया, जिनके साथ में दो-दो स्थानीय ज्योतिषियों ने भी सहयोग किए इस प्रकार कुल मिलाकर 70-75 ज्योतिषी निशुल्क परामर्श में शामिल हुए और और ज्योतिष की अलग-अलग विधाओं यथा कुंडली हस्तरेखा अंक शास्त्र वास्तु एवं अन्य तरीकों से यहां के हजारों स्थानीय निवासियों को लाभान्वित किया.