खबरjamshedpur-bar-association-जमशेदपुर जिला बार एसोसिएशन की वित्तीय गड़बड़ी को लेकर बार एसोसिएशन के...
spot_img

jamshedpur-bar-association-जमशेदपुर जिला बार एसोसिएशन की वित्तीय गड़बड़ी को लेकर बार एसोसिएशन के पूर्व अध्यक्ष, महामंत्री, कोषाध्यक्ष समेत अन्य के खिलाफ सीतारामडेरा थाना में एफआइआर दर्ज, झारखंड हाईकोर्ट की सख्त कार्रवाई के बाद पुलिस ने अंतत: दर्ज किया केस, अधिवक्ता राजेश जायसवाल की पहल रंग लायी

राशिफल

जमशेदपुर : जमशेदपुर जिला बार एसोसिएशन में हुई कथित गड़बड़ी के मामले में जमशेदपुर पुलिस ने सीतारामडेरा थाना में जमशेदपुर जिला बार एसोसिएशन के पूर्व अध्यक्ष रथिंद्र दास, पूर्व महामंत्री अनिल कुमार तिवारी, पूर्व कोषाध्यक्ष राजीव सैनी और अन्य ऑफिस के खिलाफ धोखाधड़ी और अमानत में खयानत का केस दर्ज कर दिया है. सीतारामडेरा थाना कांड संख्या 224/2022 दायर किया गया है. इसमें शिकायतकर्ता झारखंड स्टेट बार काउंसिल के सचिव राजेश पांडेय है जबकि आरोपी जमशेदपुर जिला बार एसोसिएशन के पूर्व अध्यक्ष रथिंद्र दास, पूर्व महामंत्री अनिल कुमार तिवारी, पूर्व कोषाध्यक्ष राजीव सैनी और अन्य ऑफिस को बनाया गया है. जमशेदपुर जिला बार एसोसिएशन में वर्ष 2016 से 2019 में गड़बड़ी करने का केस दायर किया गया है. (नीचे भी पढ़ें)

झारखंड हाईकोर्ट में होनी है 29 नवंबर को सुनवाई, जमशेदपुर एसएसपी को भी पार्टी बनाने का हाईकोर्ट ने दिया था आदेश
जमशेदपुर जिला बार एसोसिएशन में वित्तीय गड़बड़ी करने के मामले की जमशेदपुर कोर्ट के वरिष्ठ अधिवक्ता राजेश जायसवाल ने झारखंड हाईकोर्ट में जनहित याचिका दाखिल की थी. इस मामले की पिछले दिनों झारखंड हाईकोर्ट में सुनवाई हुई थी. इस दौरान अदालत ने डीजीपी से पूछा कि अब तक इस मामले में प्राथमिकी दर्ज क्यों नहीं हुई. हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस रवि रंजन व जस्टिस सुजीत नारायण की अदालत में इसकी सुनवाई हुई थी. बार काउंसिल की ओर से स्टेट बार काउंसिल के अध्यक्ष सह अधिवक्ता राजेंद्र कृष्ण ने पैरवी की थी. इस दौरान कोर्ट ने डीजीपी से पूछा कि जब यह मामला पुलिस के पास आया तो सिर्फ स्टेशन डायरी में ही क्यों दर्ज किया गया, प्राथमिकी दर्ज क्यों नहीं की गयी. हाईकोर्ट ने डीजीपी से शपथ पत्र के जरिए अपना जवाब देने का कहा. साथ ही अदालत ने गृह सचिव व जमशेदपुर एसएसपी को भी इस मामले में पार्टी बनाने निर्देश भी दिया था. इस मामले की अगली सुनवाई 29 नवंबर को निर्धारित है. (नीचे भी पढ़ें)

अधिवक्ता राजेश जायसवाल की शिकायत पर हुई थी ऑडिट, पायी गयी थी गड़बड़ी, नहीं दर्ज हो रहा था एफआइआर
जमशेदपुर जिला बार एसोसिएशन में वर्ष 2016-2019 के दौरान वित्तीय गड़बड़ी पायी गयी थी. इसकी शिकायत वरिष्ठ अधिवक्ता राजेश जायसवाल ने की थी. इस शिकायत में बताया गया था कि बड़े पैमाने पर वित्तीय गड़बड़ी की गयी थी. जमशेदपुर जिला बार एसोसिएशन की जांच करायी गयी थी. झारखंड बार एसोसिएशन की ऑडिट टीम ने इसकी जांच की थी, जिसमें 1 अप्रैल 2016 से 19 अगस्त 2019 तक गड़बड़ी पायी गयी थी. इसमें यह बताया गया था कि 4 करोड़ 21 लाख 2 हजार 38 रुपये और 2 करोड़ 34 लाख 63 हजार 484 रुपये कैश में ही दिया गया था. इसमें ही गड़बड़ी पायी गयी है. इसको लेकर 2019 में अधिवक्ता राजेश जायसवाल ने झारखंड हाईकोर्ट में इसके खिलाफ एक याचिका दायर कर दी थी, जिसके बाद हाईकोर्ट ने बार काउंसिल को एफआइआर दायर करने को कहा था. बार काउंसिल के सचिव राजेश पांडेय ने लिखित शिकायत सीतारामडेरा थाना में की थी, लेकिन सिर्फ स्टेशन डायरी इंट्री कर एफआइआर दायर नहीं किया गया था. इसके बाद राजेश जायसवाल फिर से हाईकोर्ट में आवाज उठायी, जिसके बाद हाईकोर्ट ने सख्त रवैया अपनाया और जमशेदपुर एसएसपी को पार्टी बनाने को कहा, जिसके बाद अब आनन फानन में एफआइआर दायर कर दिया गया है. हालांकि, इन आरोपों को रथींद्रनाथ दास, अनिल तिवारी समेत अन्य लोगों ने गलत करार दिया है.

Must Read

Related Articles

Floating Button Get News On WhatsApp
Don`t copy text!

Discover more from Sharp Bharat

Subscribe now to keep reading and get access to the full archive.

Continue reading