खबरjamshedpur Bhagwat Katha-भगवान श्रीकृष्ण के मथुरा जाने एवं रुक्मणी विवाह कथा सुन...
spot_img

jamshedpur Bhagwat Katha-भगवान श्रीकृष्ण के मथुरा जाने एवं रुक्मणी विवाह कथा सुन भाव-विभोर हुए श्रद्धालु

राशिफल

जमशेदपुर: साकची श्री अग्रसेन भवन में चल रहे श्रीमद्भागवत कथा के छठवें दिन शनिवार को व्यासपीठ से कथावाचक पंडित मनीष शंकर महाराज ने रासपंचाध्यायी, ब्रज से मथुरा आगमन, कंस वध, उद्धव गोपी संवाद, रूकमणी विवाह आदि की कथा का सुंदर प्रसंग विस्तार से सुनाया. संगीतमय कथा का वर्णन सुनकर भक्त भाव विभोर होकर झूमने लगे. रासपंचाध्यायी की कथा का वर्णन करते हुए उन्होंने कहा कि महारास में पांच अध्याय है. उनमें गाए जाने वाले पंच गीत भागवत के पंच प्राण है. जो भी ठाकुरजी के इन पांच गीतों को भाव से गाता है, वह भव पार हो जाता है. (नीचे भी पढ़े)

कथावाचक ने भागवत कथा के महत्व को बताते हुए कहा कि जो भक्त प्रेमी कृष्ण रुक्मणी के विवाह उत्सव में शामिल होते हैं. उनकी वैवाहिक समस्या हमेशा के लिए समाप्त हो जाती है. इसलिए जीव के अंदर अपार शक्ति रहती है यदि कोई कमी रहती है. वह मात्र संकल्प की होती है संकल्प एवं कपट रहित होने से प्रभु उसे निश्चित रूप से पूरा करेंगे. महाराज ने आगे कहा कि मथुरा गमन प्रसंग में अक्रूर जी भगवान को लेने आए. जब भगवान श्रीकृष्ण मथुरा जाने लगे समस्त ब्रज की गोपियां भगवान कृष्ण के रथ के आगे खड़ी हो गई. कहने लगी हे कन्हैया जब आपको हमें छोड़कर ही जाना था तो हम से प्रेम क्यों किया.(नीचे भी पढ़े)
अग्रवाल (नोपाका) परिवार गांवाड़ी निवासी द्धारा आयोजित भागवत कथा में पांचवें दिन शुक्रवार को कथा में प्रमुख रूप से शंकर लाल अग्रवाल, विश्वनाथ अग्रवाल, ओमप्रकाश अग्रवाल, कैलाशनाथ अग्रवाल, सुरेश कुमार अग्रवाल, सुभाष अग्रवाल, दिलीप अग्रवाल, आानन्द अग्रवाल, कृष्ण कुमार अग्रवाल, आशीष अग्रवाल, अमित अग्रवाल, सुमित कुमार अग्रवाल समेत काफी संख्या में भक्तगण शामिल होकर देर शाम तक कथा का आनन्द लिया. महाराज सातवें दिन रविवार को सुदामा चरित्र, द्धारिका लीला, यदुवंश को श्राप, शुकदेव जी की विदाई, परीक्षित मोक्ष, कथा विराम का वर्णन करेंगे.

Must Read

Related Articles

Floating Button Get News On WhatsApp
Don`t copy text!