जमशेदपुरः झारखंड सरकार द्वारा नयी नियोजन नीति में मगही, भोजपुरी व अंगिका भाषा को स्थान नहीं देने को लेकर जमशेदपुर जिला समाहरणालय के समक्ष भूमिहार सेना युवा मोर्चा ने विरोध प्रदर्शन करते हुए नयी नीति को वापस लेने की मांग की.साथ ही इस संबंध में मोर्चा ने डीसी को एक ज्ञापन सौंपा. ज्ञापन मे कहा गया है कि इस नीति का विरोध किया जाना लाजिमी है. कहा कि पूर्व में बिहार को बंगाल के अधीन लिया जा रहा था और कई ऐसे क्षेत्र थे जो ओड़िशा के अधीन हो सकते थे लेकिन बिहार के तत्कालीन सीएम श्रीकृष्ण बाबू ने एड़ी चोटी एक कर बिहार में बनाए रखा. (नीचे भी पढ़े)
किसी दूसरे राज्य में शामिल होने नहीं दिया. बिहार की जनता को रोजगार दिलाने के उद्देश्य श्रीकृष्ण बाबू ने बनाए रखा. आज लंबे बरस बाद बिहार में पूरे देश के कोने कोने लोग आकर बसे हुए है. सभी की सुविधाओं के लिए भांति भांति व्यवस्थाएं भी करायी गयी है. राज्य सरकार पर भाषा की राजनीति करने का आरोप लगाते हुए कहा कि इस नयी नियोजन नीति में संशोधन की जाए. नही तो भूमिहार सेना युवा मोर्चा सड़क से लेकर सदन तक विरोध प्रदर्शन करेगा.भाषा विवाद का मामला सरकार के लिए गले की हड्डी बनता जा रहा है.