जमशेदपुर : झारखंड की औद्योगिक राजधानी जमशेदपुर के लिए बड़ी खबर आयी है. जमशेदपुर में सैरात के जमीन पर बसी दुकानों को लेकर जारी किये गये नये भाड़े के रेट को तत्काल प्रभाव से रोक लगा दी गयी है. जमशेदपुर की उपायुक्त- सह- जिला दण्डाधिकारी विजया जाधव के कोर्ट द्वारा जमशेदपुर में सैरात की जमीन पर बने दुकानों के किराया वृद्धि को स्थगित रखने का आदेश दिया गया है. उपायुक्त- सह- जिला दण्डाधिकारी द्वारा अपर जिला दण्डाधिकारी (विधि व्यवस्था), अपर उपायुक्त, विशेष पदाधिकारी जेएनएसी, अंचलाधिकारी गोलमुरी सह जुगसलाई, साकची तथा कदमा के दुकान समिति के अध्यक्ष को सम्मिलित करते हुए एक कमिटी का गठन किया गया है. गठित कमिटी किराया वृद्धि की समीक्षा हेतु बैठक कर उपायुक्त- सह- जिला दण्डाधिकारी को प्रतिवेदन समर्पित करेगी. गौरतलब है कि लगभग 50 वर्ष से ज्यादा समय पूर्व टाटा कंपनी ने सैरात की जमीनों पर दुकान बनाकर आवंटित किया गया था. सैरात दुकानों के किराया वृद्धि को लेकर दुकानदारों के एक प्रतिनिधिमंडल ने उपायुक्त- सह- जिला दण्डाधिकारी से मुलाकात कर अपनी बात रखी थी.आपको बता दें कि जमशेदपुर में दस सैरात की बाजार है, जहां अब तक टाटा स्टील ही किराया का निर्धारण और वसूली करती थी. अब नयी व्यवस्था के तहत टाटा स्टील द्वारा वर्षों से संचालित जमशेदपुर के 10 सैरात बाजार को सरकार यानी जमशेदपुर अक्षेस को सौंप दिया है. टाटा स्टील द्वारा सैरात बाजार को एक मई से जमशेदपुर अक्षेस को सौंप दिया. जमशेदपुर के पॉश इलाके में बनी दुकानों का किराया 10 रुपये से लेकर 300 रुपये तक था, जिसका भुगतान दुकानदार करते थे. लेकिन अचानक से एक-एक दुकान का भाड़ा 9 हजार से लेकर एक लाख रुपये तक कर दिया गया, जिसको लेकर दुकानदारों में काफी गुस्सा था. बाद में इस मसले को राज्य के मंत्री बन्ना गुप्ता ने टेकअप किया और मामले को डीसी कोर्ट में ले जाने की सलाह दी. इस बीच सिंहभूम चेंबर ऑफ कॉमर्स ने मुद्दे को पकड़ा और मामले को लेकर गंभीरता से पहल शुरू की, जिसके बाद यह राहत मिल पायी.