जमशेदपुरः साझा काव्य संकलन “यह भोर सुहावनी लगती है” का गुरुवार को तुलसी भवन में लोकार्पण किया गया. कार्यक्रम प्रारंभ करते हुए संचालिका डॉ मनाली कुमारी ने मौजूद सभी अतिथियों को मंच पर आमंत्रित किया और अतिथियों द्वारा मां सरस्वती के चित्र पर माल्यार्पण कर दीप प्रज्वलित किया गया. मुख्य अतिथि में डॉ अरुण सज्जन, डॉ मनोज आजिज, अरुण तिवार ने रचनाकारों को अंगवस्त्र व प्रशस्ति पत्र प्रदान देकर सम्मानित किया गया. वहीं दूसरी ओर पुस्तक यह भोर सुहानी लगती है का लोकार्पण किया गया. कार्यक्रम में रचनाकारों में आनंद बाला शर्मा, पद्मा मिश्रा, छाया प्रसाद, रेणुबाला मिश्रा, माधुरी मिश्रा, सुधा अग्रवाल सागर, डॉ मनाली कुमारी, डॉ मीनाक्षी कर्ण, उमाशंकर किसलय, वीणा पांडेय भारती, अनिता निधि और सरिता सिंह पुस्तक की रचनाकार है. इस काव्य में विधाओं की रचनाएं शामिल है. (नीचे भी पढ़ें)
काव्य की संपादक कवियत्री कथाकार पद्मा मिश्रा और सह संपादक डॉ सरित किशोरी श्रीवास्तव है. कार्यक्रम में वरिष्ठ साहित्यकार कवि डॉ अरुण सज्जन ने बताया कि यह भोर सुहानी लगती है काव्य संकलन में सकारात्मक सपनों की उड़ान है. वहीं आचार्य रामचंद्र शुक्ल और डॉ मनोज आजिज ने कहा कि यह कविता हृदय से हृदय की शाश्वत यात्रा है. वहीं दूसरी ओर तुलसी भवन के अध्यक्ष अरुण तिवारी एवं मानद सचिव प्रसेनजीत तिवारी ने भी इस पुस्तक का स्वागत किया और हिंदी कविता के लिए महिलाओं की फुरसत में किए गए सृजन की सराहना करते हुए सभी रचनाकारों को हार्दिक शुभकामनाएं दीं. कार्यक्रम में धन्यवाद ज्ञापन छाया प्रसाद ने किया. कार्यक्रम में जवाहरलाल शर्मा, राजेश पाण्डेय, प्रसाद, सुनील गुप्ता, अनिल दत्ता, मीनाक्षी कर्ण, सुधा अग्रवाल सागर, माधुरी मिश्रा, वीणा पाण्डेय, इंदिरा तिवारी, सरिता सिंह, डॉ आशा गुप्ता, रेणुबाला मिश्रा, अनीता निधि,सुजय कुमार, मुकेश रंजन, और प्रेस के बधु गण उपस्थित रहे.