जमशेदपुर : संसद में केंद्रीय वित्त मंत्री द्वारा प्रस्तुत आम बजट पर अपना दृष्टिकोण रखते हुए जमशेदपुर के सांसद विद्युत वरण महतो ने कहा कि कोरोना काल के पश्चात भी टैक्स स्लैब को यथावत रखना एक अत्यंत साहसिक निर्णय है. सभी आशंकाओं को निर्मूल करते हुए बजट में टैक्स गत वर्ष की भांति यथावत रखा गया है. इससे उद्योग, व्यवसाय, मजदूर और आम जनता में प्रसन्नता है. इस बजट में न सिर्फ स्वास्थ्य क्षेत्र का आवंटन बढ़ाया गया है, बल्कि पूरे देश के प्रत्येक क्षेत्र के स्वास्थ्य का पूरा-पूरा ध्यान रखा गया है. इस बजट का सबसे महत्वपूर्ण निर्णय वन नेशन-वन कार्ड है. इस व्यवस्था से पूरे देश के प्रवासी मजदूरों एवं कर्मचारियों को राशन कार्ड बनवाने के लिए दर-दर भटकने की नौबत नहीं आएगी. ऑटोमोबाइल के कल पुर्जों के आयात पर कस्टम ड्यूटी लगाने का निर्णय बहुत ही सराहनीय है. इससे घरेलू लघु एवं मध्यम उद्योग खास कर आटोमोबाइल उद्योग को भारी राहत मिलेगी. (नीचे भी पढ़ें)
वस्तुतः वित्त मंत्री द्वारा प्रस्तुत इस बजट में जहां एक ओर किसानों को केंद्र बिंदु में रखते हुए गेहूं की एमएसपी को बढ़ाया गया है वही किसानों को उनकी फसल के लिए एमएसपी से डेढ़ गुना ज्यादा कीमत देने का प्रस्ताव किया गया है. यह इस बात को सिद्ध करता है केंद्र की मोदी सरकार जो कहती है वह करती है. बैंकिंग सेक्टर में नया जान फूंकने के लिए जहां एक ओर सरकारी बैंकों में 20000 करोड़ की पूंजी डालने की व्यवस्था की गई है, वहीं दूसरी ओर एनपीए की समस्या से निपटने के लिए बैड बैंक का ऐलान किया गया है. इंफ्रास्ट्रक्चर सेक्टर को मजबूत करने के लिए 5.5 लाख करोड़ रुपए खर्च किए जाने का प्रावधान किया गया है. इससे देश की आधारभूत संरचना में गुणात्मक परिवर्तन आएगा, जिसका सीधा लाभ आम जनता को मिलेगा। दैनंदिन जीवन में उज्जवला योजना से अब एक करोड़ और नए लोगों को लाभ पहुंचाने के निर्णय से समाज के अंतिम तबके के लोगों को एक नई जिंदगी मिलेगी. कुल मिलाकर कोरोना काल के पश्चात यह बजट एक दीर्घकालीन सोच के तहत आत्मनिर्भर भारत के लिए प्रस्तुत किया गया बजट है.