जमशेदपुर : कोल्हान के सबसे बड़े औद्योगिक और व्यापारी संस्था सिंहभूम चैम्बर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री तथा व्यापार मंडल के संयुक्त तत्वावधान में कृषि बाजार समिति पर दो प्रतिशत बाजार शुल्क लगाने के विरोध में पूरे जिले का व्यापारी समुदाय एकजुट है. विरोध के माध्यम से अपनी बातों को सरकार तक पहुंचाने एवं पूरे जिले में एक बड़ा आंदोलन खड़ा करने के उद्देश्य से जमशेदपुर शहर के खाद्यान्न व्यापारियों की एक बड़ी बैठक चैम्बर भवन में आयोजित की गई. बैठक की अध्यक्षता करते हुये चैंबर के अध्यक्ष विजय आनंद मूनका ने कहा कि झारखण्ड सरकार द्वारा कृषि उत्पादन बाजार समिति में 2 प्रतिशत बाजार शुल्क लगाने का प्रस्ताव विधानसभा में पारित किया गया था.(नीचे भी पढ़े)
इस प्रस्ताव पर राज्यपाल ने अपनी सहमति देते हुए हस्ताक्षर कर इस प्रस्ताव को सरकार को भेज दिया है. इससे प्रदेश में झारखण्ड राज्य कृषि उपज एवं पशुधन विपणन-2022 विधेयक पारित हो गया. उन्होंने कहा कि सरकार द्वारा लिया गया एक अव्यवहारिक फैसला है क्योंकि इसके लगने से व्यापारियों के साथ-साथ आम जनता पर इसका मार पड़ेगा और पहले से ही महंगाई से त्रस्त जनता पर और बोझ पड़ेगा. उन्होंने बताया कि बैठक में व्यापारियों ने व्यापक विचार-विमर्श करने के पश्चात् निर्णय लिया है कि अगर सरकार इस विधेयक को वापस नहीं लेती है तो इसके विरोध में उग्र आंदोलन किया जायेगा और रांची में बुधवार को आयोजित राज्यस्तरीय बैठक आयोजित कर निर्णय लिया जायेगा कि पूरे राज्यभर में खाद्यान्न की आवक को तब तक बंद किया जायेगा जबतक सरकार द्वारा इस विधेयक को वापस नहीं लिया जायेगा. इसपर सभी व्यापारिता एकता की आवाज बुलंद करते हुये अपना पूर्ण समर्थन दिया.(नीचे भी पढ़े)
इस अवसर पर उपस्थित व्यापार मंडल के अध्यक्ष दीपक भालोटिया ने व्यापारियों को संबोधित करते हुए इस आंदोलन को आगे बढ़ाने के लिये व्यापारियों का समर्थन मांगा और इसके विरोध में उग्र आंदोलन करने की बात दोहराई. व्यापार एवं वाणिज्य के उपाध्यक्ष नितेश धूत ने व्यापारियों को संबोधित करते हुए कहा कि पिछले वर्ष मार्च-अप्रेल महीने में भी कृषि उत्पादन बाजार समिति पर दो प्रतिषत बाजार शुल्क लगाने का प्रस्ताव सरकार द्वारा लाया गया था लेकिन सिंहभूम चैम्बर के साथ पूरे राज्यभर में व्यापारियों ने अप्रेल माह में आंदोलन किया था और राज्यपाल, मुख्यमंत्री, कृषि मंत्री, कृषि सचिव, सहित स्थानीय विधायकों को इसके लगने से होने वाली हानियों से अवगत कराया गया जिसके पश्चात सरकार के वरिष्ठ मंत्रियों के द्वारा व्यापारियों को आश्वासन दिया गया था कि कृषि बाजार विपणन समिति पर प्रस्तावित दो प्रतिशत मंडी शुल्क को लागू नहीं किया जायेगा. लेकिन दोबारा से लागू कर दिया गया है यह व्यापारियों के साथ ही नहीं आम जनता के साथ भी धोखा है. इस अवसर पर सचिव, व्यापार एवं वाणिज्य अनिल मोदी ने कहा व्यापारी इस विधेयक को कतई लागू नहीं होने देंगे और इसके वापस होने तक आंदोलनरत रहेंगे. इसके लिये सभी खाद्यान्न व्यवसायियों को एकजुट रहने का आह्वान किया.(नीचे भी पढ़े)
व्यापारियों ने बैठक में मंडी पर दो प्रतिशत बाजार शुल्क लगाये जाने के विरोध में इसे वापस लेने का एक स्वर में नारा भी लगाया. इस अवसर पर बैठक में उपाध्यक्ष महेश सोंथालिया, सचिव सांवरमल शर्मा, कोषाध्यक्ष किषोर गोलछा, व्यापार मंडल के उपाध्यक्ष पवन नरेडी, सचिव करण ओझा, दिलीप कुमार, चैम्बर सदस्य पवन शर्मा, मनोज गोयल, दिलीप गोयल, अनूप शर्मा, आशीष कुमार शर्मा, अजय अग्रवाल, चन्द्रप्रकाष शुक्ला, संतोष कुमार नागेलिया, दामोदर गुप्ता, हरी भंडार, रमेष किराना एजेंसी, शुभम इंटरप्राईजेज, रौनक टेडर्स, ओम टेªडिंग, हीरा टेªडर्स, रामदेव बजरंगलाल, मोहित उद्योग, अरूण स्टोर्स, रौनक डिस्ट्रीब्यूटर्स, बासुकीनाथ फलोर मिल, श्री मनमोहन इंटरप्राईजेज, प्रवल ब्रदर्स, लक्ष्मी खाद्य भंडार, के प्रतिनिधि के अलावा काफी संख्या में खाद्यान्न व्यवसायी उपस्थित थे.