jamshedpur businessmen strike – सिंहभूम चैम्बर आफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री के आह्वान पर खाद्यान्न व्यवसायियों आलू-प्याज सहित अन्य संबंधित वस्तुओं की अनिश्चितकालीन हड़ताल का जबरदस्त असर, कोल्हान का खुदरा व्यापार रहा पूर्णतः बंद, डीसी ऑफिस के महाधरना में हुआ व्यापारियों का जुटान, 500 से अधिक व्यापारी हुए शामिल

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जमशेदपुर : सिंहभूम चैम्बर आफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री के नेतृत्व में बुधवार को जमशेदपुर के उपायुक्त कार्यालय की ओर से पूर्व में लिये गये निर्णय के अनुसार व्यापार मंडल, कोल्हान राईस मिल एसोसिएशन, फ्लावर राईस मिल एसोसिएशन, आलू-प्याज थोक विक्रेता संघ, फल विक्रेता संघ, एवं अन्य खाद्यान्न व्यवसासी संघों के संयुक्त तत्वावधान में महाधरना दिया गया. पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार खाद्यान्न व्यवसायियों थोक व्यवसाय का अनिश्चितकालीन हड़ताल प्रांरभ कर दिया गया. यह जानकारी अध्यक्ष विजय आनंद मूनका एवं मानद महासचिव मानव केडिया ने संयुक्त रूप से दी. अध्यक्ष विजय आनंद मूनका ने जानकारी दी कि यह काला कानून व्यवसायी हित में नहीं है तथा जनविरोध और महंगाई बढ़ाने वाला है. सिंहभूम चैम्बर इसके विरोध में आंदोलनरत है. इस कानून के विरोध में विभिन्न व्यापारिक संगठनों की भी भागीदारी हो रही है. (नीचे भी पढ़ें)

सिंहभूम चैम्बर का प्रतिनिधिमंडल झारखण्ड सरकार के मंत्री बन्ना गुप्ता से मिलकर अपना विरोध जता चुका है तथा पोटका के विधायक संजीव सरदार, जुगसलाई के विधायक मंगल कालिंदी और ईचागढ़ के विधायक से भी मिलकर विरोध जताते हुए इसे वापस करवाने की मांग की है तथा अगले चरण में कोल्हान के अन्य विधायकों से मिलकर इसे वापस लेने का दबाव डाला जायेगा. उन्होंने जनता से भी अपील की है इस आंदोलन हेतु वे भी सहयोगात्मक रवैया अपनायें क्योंकि इसका असर उनपर भी महंगाई के रूप में पड़ेगा. उन्होंने कहा कि इस महाधरना में सैकड़ा की संख्या में शामिल होकर खाद्यान्न व्यवसायियों ने सरकार को संदेश दिया कि व्यापारी एक हैं और सरकार के द्वारा बनाये गये किसी भी कानून जिससे व्यापारियों एवं जनता का अहित होगा तो इसका विरोध किया जायेगा. बंदी में जमशेदपुर के परसुडीह बाजार समिति के अलावा जमशेदपुर के विभिन्न क्षेत्रों के बाजार जैसे जुगसलाई, बिष्टुपुर, साकची, कदमा, सोनारी, गोलमुरी, मानगो, सिदगोड़ा, टेल्को, बर्मामाइंस, बिरसानगर इत्यादि क्षेत्र की फुटकर एवं थोक खाद्यान्न व्यापार की दुकाने पूरी तरह दिनभर बंद रहीं. इस बंदी से जमषेदपुर की सभी बाजारों की स्थिति अच्छी नहीं रही. सिंहभूम चैम्बर उपाध्यक्ष, व्यापार एवं वाणिज्य, नितेष धूत ने भी व्यापारियों से कहा है कि वे कानून के विरोध में चैम्बर के नतृत्व में किये जा रहे आंदोलन में बढ़-चढ़कर हिस्सा लें. उन्होंने कहा कि आज का महाधरना का कार्यक्रम काफी सफल रहा. सचिव, व्यापार एवं वाणिज्य, सिंहभूम चैम्बर अनिल मोदी ने बताया कि महाधरना में जमशेदपुर के 500 से अधिक व्यवसायी शामिल हुए, जो जमशेदपुर के विभिन्न क्षेत्रों जैसे चाकुलिया, परसुडीह, साकची, बिष्टुपुर, गोलमुरी, सिदगोड़ा, जुगसलाई, सोनारी, कदमा इत्यादि से आकर शामिल हुए थे. वे सरकार के इस जनविरोध कानून बनाये जाने से काफी आक्रोशित हैं और इसे किसी भी सूरत में वापस करवाने हेतु आंदोलनरत हैं और यह आंदोलन और भी व्यापक रूप लेगा अगर सरकार इसे वापस नहीं लेती है तो. (नीचे भी पढ़ें)

महाधरना में चैम्बर अध्यक्ष विजय आनंद मूनका, मानद महासचिव मानव केडिया, उपाध्यक्ष व्यापार एवं वाणिज्य नितेष धूत, उपाध्यक्ष दिलीप गोलेच्छा, सचिव व्यापार एवं वाणिज्य अनिल मोदी, पीयूष चैधरी, कोषाध्यक्ष किशोर गोलछा, व्यापार मंडल के उपाध्यक्ष पवन नरेडी, सचिव करण ओझा, सत्यनारायण अग्रवाल, रामू देबुका, पवन शर्मा, मनोज गोयल, मनोज चेतानी, अभिषेक अग्रवाल गोल्डी, मुकेष मित्तल, ओमप्रकाष मूनका, राजकुमार साह, विजय खेमका, ओपी ईनानी, गणेष अग्रवाल, श्याम पटवारी, अनिल कुमार साहू, ओमप्रकाष साह, सन्नी संघी, अमित सरायवाला, बासुदेव रूंगटा, विनीत कुमार रूंगटा, सुषील सिंहानिया, चन्द्रप्रकाष शुक्ला, पारस अग्रवाल, अंषुल रिंगसिया, सुरेष कुमार गुप्ता, राजू कुमार पांडेद्व संतोष कुमार गोराई, अजय अग्रवाल, उमेश देबुका, प्रिंस सिंह, रंजीत झा, संदीप सिंह सचदेवा, नंदकिषोर अग्रवाल, बिनोद मित्तल, श्याम महेष्वरी, रामप्रकाश सेठी, मनीष जैन, शंभू मूनका, पिंटू महतो के अलावा सैकड़ों की संख्या में खाद्यान्न व्यवसायी उपस्थित थे.

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