
जमशेदपुर : झारखंड प्राथमिक शिक्षक संघ के जिलाध्यक्ष अरुण कुमार सिंह ने उपायुक्त से निर्वाचक निबंधन पदाधिकारी पर बीएलओ को मानसिक रूप से प्रताड़ित करने का आरोप लगाते हुए उनका वेतन रोक दिये जाने की शिकायत की है। इस संबंध में उपायुक्त को लिखित शिकायत करते हुए अरुण कुमार सिंह ने कहा है कि शिक्षक-सह- बीएलओ विगत 3 माह से नियमित क्षेत्र भ्रमण एवं अपने अपने बूथ पर बैठे रहे हैं। इस दौरान फार्म 6,7,8 एवं 8क पूर्व में बार-बार विधानसभा 48 एवं 49 के निर्वाचक निबंधन पदाधिकारी के कार्यालय में जमा किया जा रहा है। अब संबंधित पदाधिकारी द्वारा 40-40 फॉर्म 6 जमा करने के लिए कहा जा रहा है, नहीं करने की स्थिति में वेतन बंद करने की बात कही जा रही है, कुछ के वेतन भी बंद हैं। शिक्षक अपना मूल कर्तव्य विभागीय नियमानुसार करते हुए बीएलओ का कार्य भी करते आ रहे हैं। फिर भी कुछ शिक्षकों का वेतन निर्वाचक निबंधन पदाधिकारी द्वारा रोक दिया गया है। (नीचे भी पढ़ें)
अरुण सिंह ने कहा है कि झारखंड सेवा संहिता के उपबंधो के अनुसार मूल वेतन सरकारी सेवक के मूल कर्तव्य पालन पर उनके परिवार के भरण-पोषण के लिए भुगतान किया जाता है। बीएलओ कार्य के बदले उन्हें वार्षिक मानदेय दिया जाता है। मूल कर्तव्य निर्वहन के पश्चात भी वेतन रोकना उनके साथ अन्याय एवं उन्हें मानसिक रूप से प्रताड़ित करने जैसा है। शिक्षक एवं बीएलओ को हमेशा हीन भावना से देखा जाता है, उन्हें हमेशा खरी-खोटी सुनाई जाती है। कहा है कि उन्हें सोहाद्रपूर्ण वातावरण देने के बजाय टॉर्चर किया जा रहा है। महिला बीएलओ को रात में फील्ड विजिट करने के लिए कहा जा रहा है, जो कि पूर्ण रूप से असुरक्षित जैसा है। चिकित्सीय अवकाश में रहने वाले शिक्षकों को भी बीएलओ बना दिया गया है, जो सम्यक प्रतीत नहीं लगता है। शिकायत पत्र में अरुण कुमार सिंह ने कहा है कि निर्वाचक निबंधन पदाधिकारी 48-49 की के असौहाद्रर्पूर्ण व्यवहार से शिक्षक व संघ काफी क्षुब्ध हैं। अतः शिक्षक-शिक्षिकाओं को बीएलओ जैसे गैर शैक्षणिक कार्य से मुक्त किया जाए, ताकि गुणवत्तापूर्ण शिक्षा एवं शिक्षण हो सके। साथ ही उन्हें निर्वाचक निबंधन पदाधिकारी के असौहार्दपूर्ण व्यवहार एवं वातावरण से मुक्ति मिल सके तथा जिससे जिले के शिक्षकों का मान-सम्मान की रक्षा हो सके। इसके साथ ही उपायुक्त से उन्होंने रोके गए वेतन का भुगतान करने का आग्रह किया है।