जमशेदपुर: टाटा स्टील फाउंडेशन और भारतीय उद्योग-भारतीय महिला नेटवर्क संघ की सह-मेजबानी वाली पांच वेबिनार की श्रृंखला, कैलीडोस्कोप का अंतिम संस्करण आयोजित की गयी. इस श्रृंखला में महिलाओं के प्रति हो रही घटनाओं की कहानियों को सामने ला रही है, जिन्हे सामाजिक द्वारा बहिष्कार किया गया है. इस वर्ष पद्मश्री से सम्मानित सरायकेला-खरसावां जिले के बिरबास गांव के चुटनी महतो ने दर्शकों से बात की और कहा कि वह इस वर्ष सैकड़ों महिलाओं के अंधविश्वास के चंगुल से बचाने पर काम कर रही है और मदद से कइयों को सहारा दिया है. अंधविश्वास के पीछे वे 20 साल से काम कर रही है, और समाज में अंधविश्वास को जड़ से मिटाकर ही रहने की संकल्प ली है, ताकि किसी दूसरे के साथ उनके जैसा व्यवहार न हो पाएं. वहीं पार्वती घाट की एक शिक्षका और टाटा स्टील फाउंडेशन के 1000 स्कूलों के कार्यक्रम के लिए काम करने वाली रेखा सिंह ने स्कूल छोड़ने वाले बच्चों को मुख्यधारा में लाने के लिए काम किया है. उन्होंने स्कूलों में बच्चों की काउंसलिंग के महत्व के बारे में बताया है. वहीं मालती मार्डी जमशेदपुर ब्लॉक के दलदली पंचायत से एसएचजी का पंचायत से लेकर श्रमिक बनने तक का सफर प्रेरणादायी रहा. उन्होंने कहा कि वे महिलाओं के मुद्दों पर भावुक हैं और पिछले 11 वर्षों से झारखंड के कोल्हान क्षेत्र की महिलाओं के साथ काम कर रही हैं. इस अवसर पर सौरव रॉय, प्रमुख, कॉर्पोरेट सामाजिक जिम्मेदारी, टाटा स्टील और स्वस्तिक बसु आदि मौजू थे.
jamshedpur-अंधविश्वास और कुप्रथाओं को जड़ से उखाड़ फेंकने के प्रतिबद्ध: पद्मश्री चुटनी महतो
[metaslider id=15963 cssclass=””]