
जमशेदपुर : पूर्वी सिंहभूम जिला (जमशेदपुर) के उपायुक्त (डीसी) रविशंकर शुक्ला और उनकी पूरी टीम घाटशिला पहुंच चुकी है. घाटशिला में सर्विलांस की टीम ने जवानों का सैंपल लेना शुरू कर दिया है. पहले 6 जवानों का ही सैंपल लिया गया था, लेकिन अब सारे जवानों का सैंपल लिया जा रहा है. खुद उपायुक्त वहां पहुंचकर पूरी सर्विलांस टीम के साथ जांच कराया. इसके अलावा घाटशिला रेलवे स्टेशन के अलावा घाटशिला बैरक को भी सील कर दिया गया है और फायर ब्रिगेड की मदद से सैनिटाइजेशन शुरू कर दिया गया है. इसके अलावा उस जवान के साथ रहने वाले सारे जवानों का सैंपल लिया जा रहा है और सभी जवानों को क्वारंटाइन कर दिया गया है. इसके अलावा सारी कवायद शुरू कर दी गयी है ताकि कहीं उस जवान जहां रहता था या जो इलाके में रहता है, वहां कोई वायरस का खतरा नहीं हो पाये. ऐसे सारे वायरस को रोकने के लिए उपाय किये जा रहे है. घाटशिला के रेलवे स्टेशन और आरपीएफ बैरक को भी सील कर दिया गया है. जवानों को जहां क्वारंटाइन किया गया है, वहां भी किसी की इंट्री नहीं हो रही है और जो जवान है, उसका भी सैंपल जांच की जा रही है. मिली जानकारी के अनुसार, जो जवान पोजिटिव पाया गया है, उसके साथ बैरक में 21 जवान थे. उसमें से छह का ही सैंपल लिया गया था. इसके अलावा सारे सैंपलों की जांच नहीं हो पा रही थी. लेकिन खुद डीसी रविशंकर शुक्ला पूरी टीम के साथ पहुंचे और ने इसको लेकर पहल की और सभी की जांच शुरू करा दी है. डीसी ने वहां साफ तौर पर कह दिया है कि किसी भी हाल में कोई लापरवाही बरतने की कोशिश नहीं करें.

पूर्वी सिंहभूम जिले के घाटशिला में ही रहा, मरीज अभी मिदनापुर अस्पताल में भरती
पूर्वी सिंहभूम जिले के घाटशिला में ही कोरोना पोजिटिव पाया गया मरीज रहता था. उसकी पोस्टिंग घाटशिला में ही थी. उसको और एक और जवान को यहां से दिल्ली गये 26 जवानों की टीम के साथ भेजा गया था. कई जवानों को खड़गपुर से भी ले जाया गया था ताकि सामान और गोला बारूद लाया जा सके. इस बीच वहां से टीम आयी तो जो लोग खड़गपुर में थे, उनका टेस्ट हुआ. टेस्टिंग में आठ मरीजों में पोजिटिव पाया गया. इसके बाद सनसनी फैल गयी. मालूम चला कि घाटशिला आरपीएफ बैरक में भी दो जवानों को वहां भेजा गया था. आनन-फानन में आरपीएफ के आला अधिकारियों ने दोनों का टेस्ट कराने के लिए खड़गपुर भेज दिया. इस बीच वे लोग दिल्ली से लौटकर 14 अप्रैल से लेकर 20 अप्रैल तक घाटशिला के बैरक में ही 21 जवानों के साथ ही रहे थे. दोनों जवानों की पोस्टिंग भी घाटशिला में ही थी. चूंकि, घाटशिला स्टेशन का एरिया रेलवे के जोन के हिसाब से खड़गपुर डिवीजन में पड़ता है, इस कारण उसका चेकिंग करने के लिए वापस खड़गपुर भेज दिया गया, जिसकी रिपोर्ट 24 अप्रैल की सुबह आयी, जिसमें से एक जवान जिसकी घाटशिला में पोस्टिंग थी, वह पोजिटिव पाया गया.

अधिकारियों की बड़ी लापरवाही सामने आयी
घाटशिला रेलवे स्टेशन में पदस्थापित आरपीएफ जवान को घाटशिला से दिल्ली भेजा गया. दिल्ली जाने के बाद वह वापस लौटा तो खड़गपुर में सारे जवानों को टेस्ट हुआ, लेकिन घाटशिला आने वाले दोनों जवानों का टेस्ट नहीं किया गया. पहले जब सभी जवानों का टेस्ट होना था तो उनको भी वहीं रखा जाता ताकि अगर संक्रमण होता तो ज्यादा नहीं फैल पाता. लेकिन संक्रमित होने के बावजूद वह जवान बिना टेस्ट के ही घाटशिला आ गया. जवान या उसके साथी जवानों को भी नहीं मालूम था कि वह पोजिटिव है तो सामान्य तरीके से रह रहा था. जब खड़गपुर में पोजिटिव आ गया, तब जवान को क्वारंटाइन तो किया गया, लेकिन इसकी जांच जमशेदपुर के एमजीएम अस्पताल में नहीं कराया गया. जबकि पूरे झारखंड में सबसे पहले एमजीएम अस्पताल में ही टेस्टिंग की सुविधा शुरू की गयी थी. इसके बाद संक्रमित जवान को बकायदा मालगाड़ी से ही सही खड़गपुर ले जाया गया. इस बीच उसने पूरा बैरक से लेकर स्टेशन की यात्रा पूरी की. स्टेशन से लेकर ट्रेनों पर चढ़ा. खड़गपुर में टेस्ट हुआ, तब सामने आयी बातें कि जवान पोजिटिव है. इतना बड़ा कड़ी संक्रमण का जो घाटशिला से खड़गपुर तक बना, वह नहीं बन पाता. जब जमशेदपुर में टेस्टिंग की सुविधा थी तो घाटशिला से टेस्टिंग का सैंपल जमशेदपुर क्यों नहीं लाया गया और जवान को खड़गपुर तक क्यों ले जाया गया. इस बीच रास्ते भर जवान जहां गया होगा, वहां संक्रमण फैला होगा.

जमशेदपुर के डीसी रविशंकर शुुक्ला का बयान
जमशेदपुर के डीसी रविशंकर शुक्ला ने इस मामले में http://www.sharpbharat.com से बात की. उन्होंने यह बताया कि घाटिशला आरपीएफ बैरक में जवान ड्यूटी करता था. वह यहां रहा था. इसके बाद से पूरे सैनिटाइजेशन का काम चल रहा है. उसकी जांच खड़गपुर में हुई है. यह मामला खड़गपुर का है, पूर्वी सिंहभूूम जिले में वह ड्यूटी करता था. ड्यूटी के दौरान वह पोजिटिव था या नहीं, यह कहा नहीं जा सकता, लेकिन मरीज का इलाज और टेस्टिंग खड़गपुर में हो रहा है. घाटशिला में सतर्कता के तौर पर जरूर सफाई और सैनिटाइजेशन और साथी जवानों का सैंपलिंग किया जा रहा है. वैसे पोजिटिव पाये गये मरीज के साथ जो व्यक्ति आया था, वह नेगेटिव पाया जा चुका है. इस कारण यह नहीं कहा जा सकता है कि यह मामला पूर्वी सिंहभूम जिले का है. यह तब होता, जब उसका सैंपल यहां लिया जाता और यहीं पर इलाज होता. उसका सैंपल खड़गपुर में ही लिया गया और वहीं पर इलाज चल रहा है.