जमशेदपुर : जमशेदपुर के साकची स्थित श्रीलेदर्स के मालिक आशीष डे हत्याकांड में सोमवार को जमशेदपुर कोर्ट में एडीजे -4 राजेंद्र कुमार सिन्हा की अदालत में तत्कालीन एमजीएम थाना प्रभारी सह वर्तमान में हजारीबाग में जगुआर डीएसपी के रूप में कार्यरत सत्येंद्र नारायण सिंह की गवाही हुई. इसके पहले साकची थाने में पदस्थापित एएसआई अनिल कुमार सिंह की गवाही हुई थी. अबतक मामले में कुल 16 लोगों की गवाही हो चुकी हैं. सत्येंद्र नारायण सिंह ने कहा कि 2 नवंबर 2007 को वे एमजीएम थाना में थाना प्रभारी के पद पर पदस्थापित थे. तब सरकार गोप मर्डर केस में जितेंद्र सिंह उर्फ पप्पू डॉन को गिरफ्तार कर जेल भेजा गया था. एक माह पहले ही वह जमानत पर छूटा था. उसे सिदगोड़ा थाने से गिरफ्तार कर जेल भेजा गया था. (नीचे भी पढ़े)
पूछताछ में जितेंद्र से उनकी फोन पर बातचीत हुई थी. उसने कहा था कि घटना के बारे में पता लगाकर बतायेंगे कि आशीष डे हत्याकांड में किसका- किसका संलिप्तता हैं. लेकिन बाद में जितेंद्र ने अपना मोबाइल बंद कर लिया. जितेन्द्र से उनकी ओर सम्पर्क नहीं हुआ था और न ही उन्होंने जितेन्द्र का बयान रिकार्ड किया था. गौरतलब है कि श्रीलेदर्स के मालिक आशीष डे की हत्या 2 नवंबर 2007 को साकची के आमबागान के पास गोली मारकर कर दी गयी थी. मैनेजर तापस पाल की शिकायत पर साकची थाने में मामला दर्ज कराया गया था. मामले में अमलेश सिंह, बिनोद सिंह और पप्पू डॉन समेत अन्य को कोर्ट ने आजीवन कारावास की सजा सुनायी थी. बाद में मामले में सुप्रीम कोर्ट से अमलेश और विनोद सिंह को जमानत मिली थी. यह मामला कुख्यत अखिलेश सिंह के खिलाफ सुनवाई चल रहीं हैं.