जमशेदपुर : आतंकी संगठन अल्कायदा से जुड़े अहमद मसूद अकरम शेख उर्फ मोनू को सोमवार को अदालत ने आर्म्स एक्ट के तहत दोषी करार दिया है जबकि इस मामले के अन्य एक आरोपी नसीम अख्तर उर्फ राजू जमशेदपुर के मानगो जाकिरनगर निवासी को साक्ष्य के अभाव में बरी कर दिया. अदालत ने सजा के बिंदु पर 23 फरवरी को सुनवाई करेगी. इस मामले की सुनवाई जमशेदपुर कोर्ट के एडीजे – वन संजय कुमार उपाध्याय की अदालत कर रही हैं. मामले में कुल 18 लोगों की गवाही हुई हैं. (नीचे भी पढ़ें)
तत्कालीन बिष्टुपुर थाने के इंस्पेक्टर जितेन्द्र कुमार को वर्ष 2016 को दिल्ली पुलिस की स्पेशल टीम के दवा मिली थी सूचना : जमशेदपुर के बिष्टपुर के थाना प्रभारी इंस्पेक्टर जितेन्द्र कुमार ने बताया था कि उन्हें दिल्ली पुलिस की स्पेशल टीम ने सूचना दिया था कि धातकीडीह रज्जाक कॉलोनी के रहने वाला अहमद मसूद अकरम शेख जो अलकायदा संगठन से जुड़े हैं और शहर के नव युवकों को नेटवर्क से जोड़ रहा हैं. 22 जनवरी 2016 को उसे थाने में बुलाकर पूछताछ करने पर संलिप्तता पाया गया उसने बताया कि वर्ष 2003 में अब्दुल रहमान उर्फ कटकी से मिला था. वह मुख्य कार्यकर्ता हैं, जिसे दिल्ली पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया हैं. मसूद ने पुलिस को बताया था कि मसूद मानगो के मौलाना अब्दुल कलीमुद्दीन के घर में अब्दुल रहमान से मिलता था और यह भी बताया था कि वर्ष 2011 में वह सऊदी से लौटा था. हाल ही के दिनों में अब्दुल शम्मी से भी मुलाकात हुआ था. जिसे भी दिल्ली पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है. अब्दुल समी पाकिस्तान से जेहादी ट्रेनिंग करके लौटा था. आतंकी संगठन के लिए मानगो जाकिरनगर के रहने वाला नसीम अख्तर उर्फ राजू आतंकी संगठन के लिए आर्म्स का आपूर्ति करता था. नसीम अख्तर पाकिस्तान से जारी ट्रेनिंग कर चुके हैं उसी ने अब्दुल मसूद को एक 9 एमएम का पिस्टल दिया था माशूक के निशान देने पर पुलिस ने उसके आवाज से एक 9 एम एम का पिस्टल (मेड इन – जपान), 9 एमएम का 5 जिंदा गोली के अलावे 3 मोबाइल और चिप्स एवं अलकायदा से जुड़े दस्तावेज जब किया था. अदालत ने अरोपी अहमद मसूद अकरम शेख उर्फ मोनू को आर्म्स एक्ट की धारा 25ए एवं धारा 26 के तहत दोषी करार दिया हैं. अब्दुल रहमान उर्फ कटकी एवं अब्दुल शम्मी का मामला अलग से चल रही हैं.