जमशेदपुर : जमशेदपुर के ग्रामीण इलाका कोकपाड़ा नरसिंगढ़ धालभूमगढ़ निवासी सुनीता सीट आत्महत्या मामले में आरोपी पति बिशवनाथ सीट, देवर दीनानाथ सीट और सास बबलू रानी सीट को अदालत ने बुधवार को उम्रकैद का सजा सुनाई हैं. साथ ही 10-10 हजार रूपए का जुर्माना भी लगाई गई हैं. जुर्माना नहीं देने पर एक साल के लिए अतिरिक्त कारावास की सजा सुनाई गई हैं जबकि इस मामले की अन्य एक आरोपी ससुर मनमोहन सीट की मृत्यु हो गई हैं. मामले की सुनवाई जमशेदपुर कोर्ट के एडीजे -4 राजेन्द कुमार सिन्हा की अदालत कर रही हैं. अपर लोक अभियोजक राजीव कुमार ने बताया की मामले में कुल आठ लोगों की गवाही हुई हैं. कोवाली थाना क्षेत्र के हलदीपोखर निवासी तापस रजक की बड़ी बेटी सुनीता सीट की शादी 14 अप्रैल 2012 को मनमोहन सीट के पुत्र विश्वनाथ सीट के साथ हुई थी. शादी बाद से सुनीता अपनी ससुराल में रह रही थी. (नीचे भी पढ़े)
अचानक 12 अगस्त 2012 की सुबह नौ बजे सुनीता घर में सीलिंग पंखा में अपनी दुपट्टा से फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली थी. इस संबंध में मृतका के पिता तापस रजक के बयान पर धालभूमगढ़ थाने में बेटी की हत्या का मामला दर्ज कराया गया था. तापस का कहना था कि घटना के तीन दिन पूर्व सुनीता के ससुराल वाले उसे मारपीट कर जेवरात छीन लिया था. इस घटना को लेकर थाने में दहेज हत्या (304 बी) के तहत मामला दर्ज किया गया था. अदालत ने इन आरोपियों के खिलाफ भादवि की धारा 304बी दहेज हत्या के तहत 26 अगस्त 2013 को आरोप गठित किया था. लेकिन अदालत ने मामले की सुनवाई के बाद इन तीनों अभियुक्त को अदालत ने बुधवार को धारा 302 /34 (हत्या) में दोषी पाया था.