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Jamshedpur cultural program : साकची धालभूम क्लब मैदान में राजस्थान दिवस पर दिखी राजस्थानी संस्कृति की झलक, श्याम बसे खाटू माही…की रही गूंज, 12 सदस्यों को सर्वश्रेष्ठ राजस्थानी ड्रेस के लिए किया गया पुरस्कृत

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जमशेदपुर : पूर्वी सिंहभूम जिला मारवाड़ी सम्मेलन द्धारा राजस्थान दिवस पर आयोजित आपणो राजस्थान कार्यक्रम में राजस्थानी संस्कृति की झलक दिखी. साकची स्थित श्री अग्रसेन भवन के सामने धालभूम क्लब मैदान में राजस्थान स्थापना दिवस समारोह धूमधाम से मनाया गया. कार्यक्रम के दौरान राजस्थान से आये लोक कलाकारों ने राजस्थानी पोशाक में गीत एवं नृत्य की प्रस्तुति देकर राजस्थान की संस्कृति को धालभूम क्लब मैदान में उतारा. इस दौरान कलाकारों ने सांस्कृतिक कार्यक्रम का शुभारंभ गणेश वंदना से करते हुए पधारो म्हारे देश (पधारोसा) का संदेश दिया. उन्होंने म्हारो श्याम बसे खाटू माही…, चाँद चढ़îो गिगणार किरत्या…, ऊंचो घाल्यो पालणो यो…, थानै काजलियो बनाल्यु…, हो म्हारी घुमर छ नखराली…., घडलो घडे पर टोकली…, आंगणिये मे उडे रे गुलाल…, ईशर जी तो पेंचो बांधे…, केसरिया बालम पधारो, धरती धोरा री, घूमर, पीली लुगड़ी बालम.. जैसे गीत प्रस्तुत किये। ‘मोरिया आछयो बोल्यो रे‘ गीत पर मोरपंख से सजे नर्तक एवं नीली राजस्थानी पोशाक में नर्तकी ने प्रस्तुति से दर्शकों को खूब रिझाया. राजस्थानी संस्कृति की झलक दिखाते नृत्य की प्रस्तुति खास रही. रंगारंग कार्यक्रम का सफल संचालन कोलकात्ता से आयी कलाकार ईशा शर्मा ने किया. सभी कलाकारों को दुपटटा देकर सम्मानित किया गया. (नीचे भी पढ़ें)

इससे पहले अतिथियों द्धारा संयुक्त रूप से कार्यक्रम का शुभारंभ दीप प्रज्जवलित कर किया गया. मौके पर बतौर मुख्य अतिथि अखिल भरतवर्षीय मरवाड़़ी सम्मेलन के राष्ट्रीय अध्यक्ष गोवर्धनदास गाड़ोदिया, विशिष्ट अतिथि जिला उपायुक्त विजया जाधव तथा सम्मानित अतिथि के रूप में जिला एसएसपी प्रभात कुमार, झारखंड प्रांतीय मरवाड़़ी सम्मेलन के प्रदेेश अध्यक्ष बसंत मित्तल, पूर्व प्रदेेष अध्यक्ष निर्मल काबरा, ओमप्रकाश अग्रवाल और राजकुमार केडिया उपस्थित थे. सभी अतिथियों को साफा पहनाकर तथा मोंमेटो देकर सम्मानित किया गया.
दुनियाभर में राजस्थान की अलग पहचान : मुख्य अतिथि गोवर्धनदास गाड़ोदिया ने संस्कृति, सभ्यता और समृद्ध परंपराओं से जगमग शक्ति और भक्ति की भूमि राजस्थान के स्थापना दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं दी। उन्होंने कहा कि गौरवशाली इतिहास को खुद में समेटे राजस्थान की अपनी विविधता के लिए दुनियाभर में अलग पहचान है. मारवाड़ी समाज को यह पहचान बनाये रखना हैं. अन्य अतिथियों ने वीरों की भूमि राजस्थान के स्थापना दिवस पर शुभकामनाएं देते हुए कहा कि इस तरह का कार्यक्रम एक ऐसा मौका होता है जब हम सभी साथ मिलकर अपने गांव की जमीन से जुडऩे का अहसास कर पाते हैं. हमें लगता है हम राजस्थान से दूर नहीं हैं. अपनी संस्कृति संस्कार, रीति रिवाजों और परपंराओं को बचाये रखने के लिए इस तरह का आयोजन बहुत जरूरी है. पूरा परिवार और समाज में मेल मिलाप के साथ यदि उत्सव मनाया जाए तो उसकी खुशी दुगनी हो जाती है. (नीचे भी पढ़ें)

धरोहर तथा विरासतों को बचाने पर जोर : आपणो राजस्थान कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए मारवाड़ी सम्मेलन के जिलाध्यक्ष मुकेश मित्तल ने अपने स्वागत उद्गार में अपनी धरोहर तथा विरासतों को बचाने पर जोर दिया. उन्होंने विशेषकर झारखंड राज्य में रहने वाले राजस्थान के सभी लोगों को बधाई देते हुए आगे कहा कि संस्कृति, अतिथि सत्कार, पराक्रम, उद्यम और पर्यटन स्थल राजस्थान की पहचान है. कार्यक्रम का सफल संचालन करते हुए जिला महासचिव सीए विवेक चौधरी ने राजस्थान की संस्कृति संस्कार, रीति रिवाजों परपंराओं को निभाने की अपील की. अंत में कोषाध्यक्ष मोहित शाह ने धन्यवाद ज्ञापन करते हुए वीरता, पराक्रम, कला व संस्कृति की पावन भूमि राजस्थान के स्थापना दिवस् पर सभी को हार्दिक शुभकामनाएं दी. हजारों की संख्या में कार्यक्रम में मौजूद लोगों ने भी रंग-बिरंगी राजस्थानी पोशाक में संस्कृति की छटा बिखेरी. साथ ही राजस्थान प्रदेश की मिट्टी में बसी स्वागत-सत्कार परम्परा को जीवंत कर दिया. कुल मिलाकर यह कहा जा सकता हैं कि जिला मारवाड़ी सम्मेलन के कार्यक्रम में ऐसा लगा कि हम राजस्थान से दूर नहीं.
इनको मिला सम्मान : कार्यक्रम में शामिल तीन बच्चे, तीन महिलाएं, तीन पुरुष और तीन युगल जोड़ी कुल 12 लोगों को सर्वश्रेष्ठ राजस्थानी ड्रेस पुरूस्कार से सम्मानित किया गया. साथ ही मानगो निवासी दीपक अग्रवाल के पुत्र हरि अग्रवाल को भी सम्मानित किया गया. छात्र हरि ने राजस्थान स्थापना दिवस के अवसर पर चित्रकारी कर वीडियो बनाया हैं, जिसे सभी ने बहुत पसंद किया. अतिथियों द्धारा सभी को 10 ग्राम का चांदी का सिक्का दिया गया. (नीचे भी पढ़ें)

ये रहा मुख्य आकर्षण : आपणो राजस्थान कार्यक्रम का प्रमुख आकर्षण कठपुतली नाच, मेहंदी, बच्चों के लिए झूला, लाख की चूड़ी, मिट्टी के बर्तन, ऊंट की सवारी, चोखी ढाणी, राजस्थानी व्यंजन, चूर्ण, तोता पंडित, शूटिंग, सेल्फी कार्नर, बच्चों के लिए बासुरी, टॉफी कैंडी, कॉटन कैंडी, झालमुरी, चटपटी,आइस क्रीम पुचका, कचोरी चाट, बाबा चाट, मगोडी, पापड, आचार, खजला के काउंटर, राजस्थानी स्टोर इत्यादि रहा.
इनका रहा योगदान : पूरे कार्यक्रम को सफल बनाने में ओम प्रकाश रिंगसिया, उमेश शाह, अशोक मोदी, अरुण बाकरेवाल, अशोक खंडेलवाल, बजरंग लाल अग्रवाल, सांवरमल अग्रवाल, राजेश पसारी, बबलू अग्रवाल, आशीष खन्ना, पंकज छावछरिया, भोलानाथ चौधरी, विजय खेमका, मुकेश आगीवाल, लाला जोशी, विकाश सिंघानिया, सीताराम देबुका, अंकुश जवानपुरिया, बिमल अग्रवाल, महाबीर अग्रवाल, सुशील अग्रवाल, संजय शर्मा, दीपक चेतानी, प्रदीप गुप्ता, गौरव जवानपुरिया, अमन नरेड़ी, दीपक पटवारी, निशा सिंघल, मनीषा संघी, कविता अग्रवाल, उषा चौधरी समेत जिला की पूरी टीम का योगदान रहा.

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