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jamshedpur-dalsa-जमशेदपुर में जिला विधिक सेवा प्राधिकार के शिविर में बांटे गए 38 करोड़ की परिसंपत्ति, 74 हजार लाभुकों को हुआ लाभ

राशिफल

जमशेदपुर : जमशेदपुर में जिला विधिक सेवा प्राधिकार द्वारा सशक्तिकरण शिविर लगाकर 74000 लाभुकों के बीच में 38 करोड़ की परिसंपत्तियों का वितरण किया गया. जहां 11 प्रखंडों में शिविर लगाकर सभी न्यायधीश केंद्र और राज्य सरकार की योजनाओं को अंतिम व्यक्ति तक पहुंचाने का प्रयास करते नजर आए. वही राज्य विधिक सेवा प्राधिकार द्वारा एक गांव को गोद लेकर 48 घंटे के अंदर गांव का कायाकल्प करने का दावा माननीय उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश अपरेश कुमार सिंह ने किया है. 

जमशेदपुर के साकची स्थित धालभूम क्लब में जिला विधिक सेवा प्राधिकार एवं जिला प्रशासन के द्वारा परिसंपत्ति वितरण को लेकर सशक्तिकरण शिविर का आयोजन क्या गया. जहां शिविर में बतौर मुख्य अतिथि माननीय उच्च न्यायालय के न्यायाधीश अपरेश कुमार सिंह एवं जिला सत्र न्यायाधीश मनोज प्रसाद और जिले के उपायुक्त रविशंकर शुक्ला सहित सभी न्यायाधीश एवं जिले के वरीय अधिकारी मौजूद थे. वही परिसंपत्ति वितरण के दौरान 74000 लाभुकों के बीच में 38 करोड़ की परिसंपत्ति का वितरण किया गया.

जहां कार्यक्रम को संबोधित करते हुए मुख्य न्यायाधीश अपरेश कुमार सिंह ने कहा कि न्याय अब न्यायालय तक ही सीमित नहीं रह गया है. जहां न्याय की परिभाषा को अंतिम व्यक्ति तक पहुंचाने का प्रयास किया जा रहा है. जिसके तहत पूरे राज्य में 2 माह के अंदर इस तरह के शिविर लगाकर केंद्र और राज्य सरकार की योजनाओं का लाभ सीधे लाभुकों तक पहुंचाने का प्रयास विधिक सेवा प्राधिकार  द्वारा किया जा रहा है. न्याय का मतलब परिवारिक एवं अपराधिक मामलों में न्याय देना नहीं बल्कि सुदूर ग्रामीण क्षेत्र में बैठे अंतिम व्यक्ति के चेहरे पर मुस्कुराहट लाना है. जिसको लेकर पूरे राज्य के न्यायधीश एक लक्ष्य की प्राप्ति के लिए संघर्ष कर रहे हैं.

देश की 130 करोड़ जनता की जिम्मेवारी मात्र 22000 न्यायधीश उठा रहे हैं. ऐसे में राज्य विधिक सेवा प्राधिकार द्वारा गांव को गोद लेकर मूलभूत सुविधाओं का लाभ गांव तक पहुंचाने के लिए न्यायाधीश संघर्ष कर रहे हैं. जिसकी शुरुआत जमशेदपुर के बोड़ाम के एक गांव से की गई है. इस गांव में आजादी के सात दशक बीत जाने के बाद भी ना तो बिजली है और ना ही पानी. गांव के किसी भी व्यक्ति के पास ना तो राशन कार्ड है और ना ही आधार कार्ड. गांव के लोग दाने-दाने को मोहताज हैं. जहां 48 घंटे के अंदर गांव के लोग सारी सुविधाओं का लाभ प्राप्त कर सकेंगे. वही इस शिविर में सभी सरकारी योजनाओं के स्टॉल लगाकर योजनाओं से संबंधित जानकारी एवं लाभ लोगों तक पहुंचाने का काम किया गया.

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