जमशेदपुर: कोविड काल में मंदिरों के आयोजन पर भी ब्रेक सा लग गया था.आयोजन सीमित स्तर पर हो रहे थे.अब धीरे धीरे धार्मिक आयोजन भी अपनी गति पकड रहे हैं.ऐसा ही एक धार्मिक आयोजन है धर्म सास्था प्रीति महोत्सव जिसे हर साल बिष्टुपुर अयप्पा मंदिर में आयोजित किया जाता है. कोविड काल में औपचारिक तरीके से आयोजित करने के बाद अब इस साल पुराने भव्य रुप में इसका आयोजन होगा. कार्यक्रम 28 जनवरी से लेकर 12 फरवरी तक चलेगा. जिसमें दक्षिण भारत और अन्य स्थानों से आए पंडित विशेष मंत्रोच्चार के साथ पूजा संपन्न कराएंगे. अयप्पा मंदिर कमेटी के चेयरमैन पीएन शंकरन ने शुक्रवार की शाम अयप्पा मंदिर परिसर में आयोजित एक प्रेस वार्ता में यह जानकारी दी.उन्होंने बताया कि चेन्नई के पंडित ब्रह्मर्षि विजय भानूगणपादिंगल के नेतृत्व में तमिलनाडु, आंध्र प्रदेश, केरला और महाराष्ट्र से आए 26पंडित समारोह में पूजा और हवन करेंगे.(नीचे भी पढ़े)
16 दिवसीय धर्म सास्था महोत्सव में महारुद्रा पूजा, हवन, राथा चंडी महायज्ञ अदि का आयोजन होगा. इस दौरान महागणपति के नियमित हवन के साथ ही विभिन्न देवियों की कलश स्थापना की जाएगी.रोजाना शाम को वैदिक मंत्रोच्चार होगा.साथ ही सत्यनारायण पूजा भी आयोजित होगी.चेन्नई से आ ईं प्रमिला गुरुमूर्ति हरिकथा पढेंगी.वहीं केरल के मंजापटा मोहन भजन पेश करेंगे.शंंकरन ने बताया कि 11फरवरी को महागणपति का नगर भ्रमण कराया जाएगा.12 फरवरी को धर्म सास्था प्रीति समारोह का समापन होगा. प्रेसवार्ता में एन.शंकरन के अलावे कार्यकारी अध्यक्ष एन राममूर्ति, सचिव एएसएस विश्वेसवरण समेत अन्य उपस्थित थे.
धर्म सास्था मंदिर/अयप्पा मंदिर के बारे में :पहले धर्म सास्था समारोह का आयोजन मद्रासी सम्मेलनी में होता था.1974में जब आयोजन का सिल्वर जुबिली वर्ष था तब यह तय हुआ कि अलग से मंदिर बनाकर इस आयोजन को किया जाए.इस प्रकार कांची पीठ के शंकराचार्य श्रीश्री जयेन्द्र सरस्वती स्वांमिगल के हाथों 1974 में मंदिर की आधारशिला रखी गई और 1977में मंदिर का कुमकुम अभिषेक किया गया.