जमशेदपुर : डॉ कल्याणी कबीर के दूसरे काव्य संग्रह ‘मन की पगडंडी’ का विमोचन शनिवार को श्री कृष्णा सिन्हा संस्थान के सभागार में हुआ। कार्यक्रम का आरंभ मां सरस्वती की तस्वीर पर माल्यार्पण कर और दीप प्रज्वलित कर किया गया। कार्यक्रम में सरस्वती वंदना शहर की कवयित्री निवेदिता श्रीवास्तव ने की। कार्यक्रम की अध्यक्षता कोल्हान विश्वविद्यालय की पूर्व संस्कृत विभागाध्यक्ष और संस्कार भारती की अध्यक्ष डॉ रागिनी भूषण ने की। कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के तौर पर स्वदेशी जागरण मंच की सक्रिय सदस्य व समाजसेवी मंजू ठाकुर उपस्थित थीं। विशिष्ट अतिथि के तौर पर मंच पर शहर के सुप्रसिद्ध कवि श्यामल सुमन और गजलकार शैलेंद्र पांडे शैल और डॉ कल्याणी कबीर के पिता किशोर कुमार उपस्थित थे. मंचासीन सभी अतिथियों का स्वागत पुष्पगुच्छ भेंट कर किया गया। साथ ही अंग वस्त्र और प्रतीक चिन्ह भेंट कर भी उनका अभिनंदन किया गया। (नीचे भी पढ़ें)
अपने अध्यक्षीय भाषण में डॉ रागिनी भूषण ने कहा कि डॉ कल्याणी कबीर के ‘मन की पगडंडी’ काव्य संग्रह में मन की सभी संवेदनाएं प्रतिध्वनित होती हैं। मुख्य अतिथि मंजू ठाकुर कहा कि साहित्य की साधना चलती रहनी चाहिए, इससे ही किसी भी शहर का साहित्यिक वातावरण समृद्ध होता है। श्री किशोर ने कहा कि कविताएं स्थिति और परिस्थितियों का परिणाम होती हैं। श्यामल सुमन ने कहा कि डॉ कल्याणी कबीर की कविताओं में सवाल पूछने का साहस है। शैलेंद्र पांडे शैल ने कहा कि डॉ कल्याणी कबीर की रचना ‘गीली धूप’ अब ‘मन की पगडंडी’ पर निकल चुकी है। डॉ कल्याणी कबीर ने कहा कि इस चुनौतीपूर्ण समय में कविताएं सिर्फ मनोरंजन की वस्तु न होकर राष्ट्रप्रेम का अलख जगाएं तो ही इसकी सार्थकता है। कार्यक्रम का संचालन डॉ अनीता शर्मा और स्वागत भाषण हास्य और व्यंग्य के कवि दीपक वर्मा ने किया। धन्यवाद ज्ञापन कवि संतोष कुमार चौबे ने किया। कार्यक्रम को सफल बनाने में डॉ अनीता शर्मा, चंद्राणी मिश्रा, अभिलाषा कुमारी, आरती शर्मा, सागर चौबे, सौम्या मिश्रा का महत्वपूर्ण योगदान रहा।