जमशेदपुर : वैश्विक संकट कोरोना का संक्रमण पूरे उफान पर है. धीरे-धीरे देश अनलॉक की तरफ बढ़ रहा है. इन सबके बीच पिछले साढे 5 महीनों के दौरान देशभर के सामाजिक, आर्थिक और राजनीतिक गतिविधियां लगभग पूरी तरह से ठप पड़े हैं. इधर आने वाले कुछ दिनों के बाद त्योहारों का मौसम शुरू हो जाएगा खासकर सनातन धर्म मानने वालों के लिए शारदीय नवरात्र नवरात्र का एक अलग ही महत्व होता है. वैसे जमशेदपुर में इसको लेकर तैयारियां भी शुरू हो चुकी है. हर साल जमशेदपुर में दुर्गा पूजा बड़े धूमधाम से मनाई जाती थी, लेकिन इस साल कोविड-19 के संक्रमण को देखते हुए बेहद ही सीमित तरीके से पूजा का आयोजन किया जाना है. वैसे धर्म सेना की ओर से धालभूम अनुमंडल पदाधिकारी से मुलाकात कर एक मांग पत्र सौंपा गया.
जिसमें इन्होंने दुर्गा पूजा के दौरान सभी पंडालों में कम से कम दो ढाकी बजाने की अनुमति दिए जाने. अष्टमी के दिन होने वाले पुष्पांजलि कार्यक्रम के लिए सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करते हुए पुष्पांजलि का अनुमति श्रद्धालुओं को दिए जाने की मांग की गई है. उन्होंने बताया कि दुर्गा पूजा में महाअष्टमी के पुष्पांजलि का विशेष महत्व होता है. वही माता को हर दिन भोग लगाया जाता है, और उन भोग का भी विशेष महत्व होता है. इसलिए उन्होंने हर दिन के भोग का वितरण भक्तों के बीच किए जाने की अनुमति मांगी है. इसके अलावा विजयादशमी के दिन महिलाओं को सिंदूरदान की अनुमति दिए जाने की भी इन्होंने मांग की है. वही सभी पूजा पंडालों एवं मंदिरों में लाउडस्पीकर बजाने की अनुमति दिए जाने की मांग की भी मांग की है जिससे घर पर बैठकर भी श्रद्धालु चंडी पाठ सुन सके. वैसे वैश्विक संकट के इस दौर में केंद्र और राज्य सरकार के अलावा जिला प्रशासन क्या फैसला लेती है ये तो आने वाला वक्त ही तय करेगा. फिलहाल जमशेदपुर शहर में कोरोना संक्रमण काफी तेज गति से फैल रहा है. हर दिन हो रहे मौतें और बढ़ते संक्रमण के बीच जिला प्रशासन किस तरह का आदेश देती है यह देखना दिलचस्प होगा.