जमशेदपुर : जमशेदपुर के भुइयांडीह के बाबूडीह बस्ती में अतिक्रमण हटाओ अभियान चलाया गया. इस दौरान जमकर हंगामा हुआ. महिलाओं ने इसको रोकने की मांग की और कहा कि पुलिस और जमीन माफियाओं ने लाखों रुपये लेकर उनको जमीन दिया है और अब उनके मकानों को ही तोड़वाया जा रहा है. पुलिस की मौजूदगी में बुल्डोजर से भुइयांडीह के बाबूडीह बस्ती के करीब चार मकानों को तोड़ा गया जबकि उस एरिया में काफी मकान बनाया गया है, जिसको छोड़ दिया गया.
पुलिस की देखरेख में यह कार्रवाई की गयी, जिसका महिलाओं ने जमकर विरोध किया. महिलाओं ने कहा कि उनकी गाढ़ी कमायी को लूटने के लिए यह साजिश रची गयी है. इन लोगों ने बताया कि भुइयांडीह में गोरे भुइयां, सूरज भुइयां और पुतुल भुइयां ने नदी किनारे की जमीन को लाखों रुपये लेकर बेचा है और अब उनको ज्यादा पैसा नहीं देने के कारण उनको उजाड़ा जा रहा है जबकि अगर प्रशासन को कार्रवाई करना है तो जमीन माफियाओं के खिलाफ कार्रवाई करें.
जो लोग जमीन बेच रहा है, जो लोग मकान बनवा रहा है, जमीन की लूट मची हुई है. इन महिलाओं ने आरोप लगाया कि पुलिस के साथ मिलकर यह सारा कुछ चल रहा है और पुलिस उलटे गरीबों पर ही कार्रवाई कर रही है. इस हंगामा के बीच पुलिस टीम वापस लौट गयी. अब फिर से इस मामले में कार्रवाई करने की बात कहीं गयी है. इसको लेकर लोगों में गुस्सा है. लोग जमीन माफियाओं के खिलाफ कार्रवाई करने की मांग कर रहे है.
बाबूडीह बस्ती हो या फिर भुइयाडीह बस्ती, हर जगह लगातार जमीन माफियाओं द्वारा जमीन की बिक्री की जा रही है. इसको लेकर पुलिस को क्यों नहीं जानकारी होती है. हो सकता है कि पुलिस को यह जानकारी हो और उसकी सांठगांठ भी होती रहो. इसको देखते हुए पुलिस की लगातार गश्ती के बावजूद अतिक्रमण खुलेआम हो रहा है, जो पुलिस और प्रशासन के जिम्मेदार अधिकारियों पर ही सवाल उठा रहे है.
लॉकडाउन के बीच लगातार लोग जिंदगी और मौत से जूझ रहे है तो लोग आर्थिक संकट से भी जूझ रहे है. यहीं वजह है कि इसको लेकर लोगों में काफी दहशत भी है और गरीब आदमी एक बार फिर से मरता नजर आ रहा है. इसको लेकर प्रशासन को समन्वय बैठाकर इस तरह के माफियाओं से लोगों को बचाने की जरूरत है.