जमशेदपुर : फर्जी नोट बरामदगी के एक मामले में सुनवाई कर रहे जमशेदपुर कोर्ट के एडीजे -4 राजेंद्र कुमार सिन्हा की अदालत ने बुधवार को सुनवाई के दौरान आरोपी रांचीके तमाड़ के रहने वाले संतोष कुमार रवानी को सात साल के लिए सश्रम कारावास की सजा सुनाई हैं. साथ ही 55 हजार रूपए का जुर्माना भी लगाया हैं. अदालत ने आरोपी संतोष को भादवि की धारा 498 सी के तहत 7 साल 50 हजार और धारा 120 बी के तहत 3 साल 5 हजार रूपए का जुर्माना लगाई हैं. अदालत ने अपने फैसले में कहा कि जुर्माना नहीं देने पर छह माह और एक साल के लिए अतिरिक्त साधारण कारावास की सजा भुगतने होंगे. साथ ही दोनों सजांए साथ-साथ चलेगी. अपर लोक अभियोजक राजीव कुमार ने बताया कि मामले में कुल आठ लोगों की गवाही हुई हैं. अभियुक्त उदय कुंभकार और राम प्रसाद मांझी का मामला अलग कर दिया गया हैं, दोनों मामले से फरार हैं. अदालत ने इन दोनों फरार आरोपियों के खिलाफ 4 मई 2023 को जमानत बंदपत्र निरस्त करते हुए दोनों के खिलाफ गिरफ्तरी वारंट जारी कर दिया हैं. (नीचे भी पढ़ें)
घटना 3 दिसंबर 2014 की हैं :
कमलपुर थाने में इन आरोपियों खिलाफ तत्कालीन थाना प्रभारी कालीका राम के बयान पर एफआईआर दर्ज किया गया था. कालिका राम का कहना था कि घटना के दिन वह अन्य पुलिस पदाधिकारियों के साथ बागुरदा तालाब के पास वाहन चेकिंग चला रहे थे तभी बराबाजार की ओर से एक हीरो मोटरसाइकिल संख्या जेएच 05 – जी – 0062 पर दो व्यक्ति को आते देखा उसे रोका गया और तलाशी ली गई. तलाशी में उदय के पास से 100 रूपए का 65 नोट और राम प्रसाद मांझी के पास से 50 पीस 100 रूपए का फर्जी नोट जब्त किया गया था. पूछताछ में दोनों ने पुलिस को बताया था कि यह फर्जी नोट संतोष कुमार रवानी के स्टुडियो से लाया जा हैं. इन नोटों का एक्सचेंज करने पर संतोष द्वारा 35 रूपए प्रति नोट पर दिए जाने की बात हैं. पुलिस ने दोनों अभियुक्त के बताए अनुसार संतोष के ठिकानों से कल 8 नोट जब्त किया था.