जमशेदपुर : जमशेदपुर के मानगो दाई गुट्टू के रहने वाले अनिल प्रसाद एक ऐसे फर्जीवाड़ा का शिकार हो गए कि अब उनके घर से उनको हाथ धोना पड़ रहा है. पीड़ित अनिल प्रसाद न्याय के लिए दर दर की ठोकरे खा रहे हैं. वहीं पीड़िता ने कहा कि वे थाना से लेकर एसएसपी ऑफिस तक के चक्कर काट चुके है पर उन्हें न्याय नहीं मिला है. थक हार कर उन्होंने कोर्ट में केस दायर करवाया है. 2005 में अनिल प्रसाद ने टेल्को ब्रांच बैंक ऑफ़ इंडिया से अपनी पत्नी लक्ष्मी देवी के नाम से लोन लिया था. इस एवज में उन्होंने अपने जमीन के पेपर जो कि उनकी मां मीणा देवी के नाम से है गारंटी के तौर पर उसे मॉर्टगेज के रूप में बैंक में रखवाया गया. अचानक अनिल प्रसाद के परिवार को पता चलता है कि किसी सुधाकर सिंह नाम के शख्स ने उनके मां के नाम से जमीन के डुप्लीकेट दस्तावेज यूनियन बैंक में गारंटी के तौर पर रखकर फर्जी तरीके से लोन ले लिया है. अब लगातार यूनियन बैंक द्वारा अनिल प्रसाद और उनके परिवार पर दबाव बनाया जा रहा है. (नीचे भी पढ़ें)
जबकि अनिल प्रसाद और उनके परिवार ने सारे दस्तावेज को झूठा करार दिया और उनके द्वारा यूनियन बैंक को समझाया जा रहा है कि उनके जमीन का दस्तावेज बैंक ऑफ़ इंडिया में मॉर्टगेज के रूप में रखा गया है. बावजूद इसके बैंक सुनने को तैयार नहीं है. पिछले महीने बैंक ने उनके घर के दो दुकानों को सील कर दिया और अब उनके घर को नीलाम करने की तैयारी में है. इस संदर्भ में अनिल प्रसाद और उनके परिवार धालभूम अनुमंडल पदाधिकारी से लेकर थाने तक के चक्कर लगा रहे हैं पर उनका सुनने वाला कोई नहीं है. पीड़ित अनिल प्रसाद बता रहे हैं कि सुधाकर सिंह को वे जानते तक नहीं है. सुधाकर सिंह द्वारा उनकी मां के नाम से जमीन के दस्तावेज का डुप्लीकेट कॉपी निकाल कर जाली हस्ताक्षर कर गैरेन्टर के तौर पर यूनियन बैंक में रखकर लोन लिया गया है. उनकी मां मीना देवी के नाम से जमीन है और उनकी मां पूरी तरह से अस्वस्थ है. उन्होंने कहा कि आज उनका परिवार सड़क पर आ गया है पर उनका कोई सुनने को तैयार नहीं है. अगर सही तरीके से जांच की जाए तो मामला सामने आयेगा.