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Jamshedpur-Harpal-Singh-Thapar-Death-Case : घाघीडीह जेल में हरपाल सिंह थापर की संदिग्ध मौत साढ़े 10 माह बाद भी बनी पहेली, अब परसुडीह थाना में जेल अधीक्षक ने दर्ज कराया यूडी केस, बिसरा की नहीं कराई गई जांच

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जमशेदपुर : घाघीडीह मंडल कारा में विचाराधीन कैदी हरपाल सिंह थापर की संदिग्ध मौत के मामले में साढ़े 10 माह बाद भी कारणों से पर्दा नहीं उठ पाया है. थापर की मौत अब भी पहेली बनी हुई है. शनिवार को थापर की मौत प्रकरण में नया मोड़ तब आया जब शुक्रवार को घाघीडीह मंडल कारा के जेल अधीक्षक नागेंद्र सिंह के बयान पर परसुडीह थाना में अस्वभाविक मौत का मामला दर्ज किया गया. इतने लंबे अंतराल के बाद जेल प्रशासन द्वारा हरपाल की मौत के मामले में यूडी केस दर्ज कराना कहीं न कहीं दर्शाता है कि थापर की मौत के राज आखिर किन कारणों से सार्वजनिक नहीं किए जा रहे हैं. ऐसे में जेल प्रशासन की भूमिका पर भी सवाल उठाया जा रहा है. बहरहाल, मौत के बाद टेल्को थाना में जेल प्रबंधन ने सनहा दिया था. उधर, एमजीएम के फारेंसिक विभाग में थापर का बिसरा भी पड़ा हुआ है. उसकी भी जांच नहीं की गई है. गत 17 जुलाई को पोस्टमार्टम के बाद जिला प्रशासन द्वारा बिसरा को फोरेंसिक जांच के लिए रखवा दिया गया था. इसे लेकर एमजीएम फारेंसिक विभाग विभाग ने कई बार उपायुक्त व एसएसपी को पत्र लिखा है. (नीचे भी पढ़ें)

थापर की मौत के बाद सिख नेताओं ने खोला था मोर्चा
घाघीडीह जेल में थापर की मौत के बाद परिजनों को इंसाफ दिलाने के लिए सिख नेताओं ने मोर्चा खोला था. लगातार प्रशासन पर दबाव बनाया जा रहा था कि मौत के कारणों को स्पष्ट किया जाए. समाज के दबाव पर हालांकि थापर के शव का पोस्टमार्टम मजिस्ट्रेट की मौजूदगी में मेडिकल टीम द्वारा किया गया था. उसके बाद सब कुछ ठंडे बस्ते में चला गया. अब तो थापर की पत्नी को जेल से बाहर आए हुए भी काफी महीने हो गए हैं. (नीचे भी पढ़ें)

मदर टेरेसा ट्रस्ट चलाने वाले समाजसेवी रातों-रात आए थे चर्चा में
टेल्को के घोड़ाबांधा में स्वर्गीय हरपाल सिंह थापर द्वारा मदर टेरेसा चैरिटेबल ट्रस्ट का संचालन किया जाता था. उनकी पत्नी सीडब्ल्यूसी की चेयरमैन पुष्पा रानी तिर्की भी ट्रस्ट से जुड़ी थी. वर्ष 2021 में ट्रस्ट की दो लड़कियां गायब हो गईं. उन्होंने लौटकर ट्रस्ट के थापर पर गलत कार्य करने का सनसनीखेज खुलासा किया. उसके बाद मामला सुर्खियों में आया था. जून माह में टेल्को थाना में थापर, उनकी पत्नी और केयरटेकर व अन्य पर पोस्को एक्ट के तहत मामला दर्ज किया गया था. उसके बाद सभी फरार हो गए थे. 16 जून को एमपी के सिंगरौली से पुलिस ने थापर व उनकी पत्नी को गिरफ्तार कर जेल भेजा था. ठीक एक माह बाद 16 जुलाई को थापर की घाघीडीह जेल में संदिग्ध अवस्था में मौत हो गई थी. परिजनों का आरोप था कि जेल में उनके साथ मारपीट की गई है.

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