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jamshedpur-help-मानगो के रहने वाला यह शख्स मांग रहा इच्छामृत्यु, किडनी का इलाज करा पाने में है असमर्थ

राशिफल

मानगोः मानगो सुभाष कॉलोनी के रहने वाले गजेंद्र सिंह ने मांगा इच्छा मृत्यु। गजेंद्र सिंह ने भाजपा नेता विकास सिंह को बुलाकर अपनी बताई पीड़ा। झारखंड सरकार की लचर व्यवस्था के कारण मानगों सुभाष कॉलोनी के रहने वाले गजेंद्र सिंह मांग रहे हैं इच्छा मृत्यु। गजेंद्र सिंह की दोनों किडनी खराब है CMC वेल्लोर के चिकित्सकों ने गजेंद्र सिंह को किडनी जल्द से जल्द स्थानांतरण करने को कहा। गजेंद्र सिंह की पत्नी दुर्गा सिंह अपना किडनी देने के लिए तैयार हो गई। अस्पताल प्रबंधक ने राज्य सरकार से एनओसी लाने को कहा अस्पताल प्रबंधक ने स्वास्थ्य विभाग के डायरेक्टर के नाम एक पत्र भी लिखा। गजेंद्र सिंह को लगा की एनओसी लेना बहुत आसान काम है क्योंकि किडनी उनकी पत्नी को देना है लेकिन एनओसी का मामला इतना अधिक पेचीदा हो गया कि गजेंद्र सिंह अब इच्छामृत्यु मांग रहे है। आठ महीने से सरकारी दफ्तरों का चक्कर लगाने के बावजूद भी गजेंद्र सिंह को आज तक एनओसी नहीं मिला। गजेंद्र सिंह का बेटा बेटा मोहित उर्फ प्रिंस यूपीएससी का पीटी पास कर मुख्य परीक्षा की तैयारी पंजाब और दिल्ली में कर रहे थे , पिता की तबियत खराब की सूचना पर बेटे तुरंत एनओसी के लिए जमशेदपुर वापस लौटा। आठ महीने से एनओसी के लिए दर-दर भटक रहा है जिसके कारण यूपीएससी का पीटी पास करने के बावजूद भी वह मुख्य परीक्षा में शामिल नहीं हो पाया। स्वास्थ्य मंत्री के कार्यालय से लेकर स्वास्थ्य विभाग का कार्यालय रांची के कई बार चक्कर लगा चुके है. मंत्री के कार्यालय से उनके आवेदन में स्वास्थ्य मंत्री ने मोहर मार दिया लेकिन अपना हस्ताक्षर नहीं किया। मामला सीधे जिंदगी से जुड़ा हुआ होने के बावजूद भी किसी ने इनकी बात को गंभीरता से नहीं लिया. थक हार कर आज गजेंद्र सिंह ने प्रेस मीडिया के सामने इच्छा मृत्यु की बात कही। गजेंद्र सिंह ने भाजपा नेता विकास सिंह को बताया अस्पताल ने 8.50 लाख रुपए का प्रबंध करने को कहा था. गजेंद्र सिंह की पत्नी ने सारे जेवरात बेचकर और गांव की जमीन बंधक रखकर रु 8.50 लाख की व्यवस्था कर लिया था। परिवार वालों को भरोसा था कि राज्य सरकार के द्वारा जल्द ही एनओसी मिलेगा और जाकर वेल्लोर में अपना किडनी स्थान तरण करवाकर स्वस्थ हो जाएंगे ।लेकिन आठ महीना तक जब एनओसी नहीं मिला, हर दूसरे दिन डायलिसिस करवाने के कारण इनके पास रखा हुआ रु 8.50लाख धीरे-धीरे करके समाप्त हो गया। गजेंद्र सिंह के पास एनओसी मिलने के बाद भी अब रुपए की समस्या आ रही है गजेंद्र सिंह ने बताया कि अगर सही समय में एनओसी मिलता, तो मैं आसानी से अपने पैसे से किडनी हस्तांतरण करा लेता। सरकार के उदासीन रवैया के कारण बेटे की पढ़ाई भी समाप्त हो गई. बेटा को आईएएस बनने का सपना जो हम सबों ने देखा था वह भी धरा का धरा रह गया। उनके आवास पर पहुंचे भाजपा नेता ने उन्हें हिम्मत दिलाई कहा कि जल्द आपको एनओसी दिलवाने का कार्य किया जाएगा। साथ ही प्रधानमंत्री महोदय एवं केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री को पत्र और ट्विटर के माध्यम से आपके साथ हो रहे अन्याय से अवगत कराया जाएगा व गुहार लगाया जाएगा कि एनओसी का जो मामला है उसे फास्टट्रैक में लाया जाए जिससे किसी का जीवन बच सके।

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