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jamshedpur-hotel-alcor-issue-जमशेदपुर के होटल अलकोर के मालिक समेत अन्य लोग बुरे फंसे, कोर्ट में जमानत की भी नहीं लगा पा रहे अर्जी, कोल्हान की सबसे बड़ी संस्था सिंहभूम चेंबर ऑफ कॉमर्स की क्यों बनी हुई है रहस्यमयी चुप्पी

राशिफल

जमशेदपुर : जमशेदपुर के बिष्टुपुर स्थित होटल अलकोर के मालिक राजीव दुग्गल, कारोबारी राजेश मंगोतिया उर्फ लड्डू मंगोतिया, शरद पोद्दार व एक महिला समेत नौ लोगों को पुलिस ने वेश्यावृति करने और कराने के जुर्म में जेल भेज दिया है. अब इस मामले की जांच पुलिस कर रही है. इस बीच होटल अलकोर के मालिक समेत तमाम बड़े लोग बुरी तरह फंस गये है. पुलिस ने इन लोगों को जेल तो भेज दिया है, लेकिन वे लोग जमानत तक नहीं करा पा रहे है. जमानत की अर्जी तक नहीं लग पा रही है. इसकी वजह है कि जमशेदपुर कोर्ट में काफी कम काम हो रहा है. कोरोना वायरस को देखते हुए कोर्ट में काफी कम सुनवाई हो रही है जबकि जमानत सुनने वाली कोर्ट में पहले से ही 50 केस पेंडिंग पड़ी हुई है. 50 केस का निबटारा होने के बाद ही किसी तरह का कोई जमानत की नयी अर्जी ली जायेगी. चूंकि, बड़े लोग है तो न्याय को बड़े लोगों के लिए आसान बनाने का प्रयास तो किया जा रहा है, लेकिन कोर्ट की सख्ती के आगे किसी की नहीं चल रही है और सारे लोगों का जमानत तक नहीं हो पा रहा है. दूसरी ओर, इस पूरे प्रकरण में एक बड़ा सवाल कोल्हान की सबसे बड़ी औद्योगिक और कारोबारी संस्था होने का दावा करने वाली सिंहभूम चेंबर ऑफ कॉमर्स पर उठ रहा है. इससे जुड़े कारोबारियों को जेल जाना पड़ा. जमशेदपुर चेंबर ऑफ कॉमर्स, जमशेदपुर होटल व रेस्टोरेंट ऑनर्स एसोसिएशन, जमशेदपुर होटेलियर्स एसोसिएशन समेत तमाम संगठनों ने राजीव दुग्गल की गिरफ्तारी का विरोध किया, लेकिन सिंहभूम चेंबर ऑफ कॉमर्स की ओर से अब तक इस मामले में कोई बयान नहीं आया. यह चुप्पी रहस्यमयी लग रही है और कई सारे सवाल भी खड़े कर रही है. इस मामले में चूंकि, होटल कारोबारी कोई सिख व्यक्ति था, इस कारण सिंहभूम चेंबर ऑफ कॉमर्स की चुप्पी है या फिर सिंहभूम चेंबर ऑफ कॉमर्स पुलिस की कार्रवाई का समर्थन कर रही है क्या या फिर कोई चेंबर के ही पदाधिकारी तो इसमें नहीं संलिप्त है, जिसको बचाने के लिए ज्यादा दबाव देने के मूड में सिंहभूम चेंबर नहीं दिख रहा है. वैसे इस बारे में जब सिंहभूम चेंबर ऑफ कॉमर्स के महासचिव भरत वसानी से पूछा गया तो उन्होंने नो कॉमेंट कहकर अपना पल्ला झाड़ लिया. सिंहभूम चेंबर ऑफ कॉमर्स तटस्थ की भूमिका में रहकर ही कई सारे सवालों को जन्म दे रहा है, जिसके जवाब का इंतजार जरूर सबको है.

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