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Jamshedpur : कितने भवनों को आक्यूपेंसी सर्टिफिकेट निर्गत हुए, मानवाधिकार कार्यकर्ता जवाहरलाल शर्मा ने जेएनएसी से पूछा, जवाब आने पर होंगे चौंकाने वाले खुलासे, पढ़िये अन्नी अमृता की रिपोर्ट

राशिफल

जमशेदपुर : मानवाधिकार कार्यकर्ता जवाहरलाल शर्मा ने जमशेदपुर अधिसूचित क्षेत्र समिति (जेएनएसी) के विशेष पदाधिकारी सह जन सूचना पदाधिकारी को पत्र लिखकर आरटीआई के तहत विभिन्न बिंदुओं पर जानकारी मांगी है. उन्होंने जेएनएसी से पूछा है कि पिछले पांच सालों के दौरान नक्शा पास कराने के लिए कितने आवेदन आए? टाटा लीज क्षेत्र और गैर टाटा लीज क्षेत्र के अलग अलग ब्योरा दें. कितने भवनों के नक्शे पास हुए?टाटा लीज क्षेत्र और गैर टाटा लीज क्षेत्र के अलग अलग ब्योरे दें. कितने भवनों को आक्यूपेंसी सर्टिफिकेट (अधिभोग प्रमाणपत्र) निर्गत हुए? क्या कुछ लोग बगैर आक्योपेंसी सर्टिफिकेट के रह रहे हैं? ऐसे में जेएनसी ने क्या कार्रवाई की है? (नीचे भी पढ़ें)

शार्प भारत से बात चीत करते हुए मानवाधिकार कार्यकर्ता जवाहरलाल शर्मा ने बताया कि शहरी क्षेत्र में जिस तरह अंधाधुंध भवनों का निर्माण हो रहा है और लोग खुलेआम कहने लगे हैं कि ‘पैसा दो सब काम हो जाता है’ये दर्शाता है कि ज्यादातर भवन बगैर नक्शा पास के बनाए जा रहे हैं.अब इस आरटीआई के जवाब से इस बात का खुलासा हो जाएगा कि दरअसल पिछले पांच सालों में कितने भवनों के नक्शे पास हुए और कितने भवनों को आक्यूपेंसी सर्टिफिकेट मिला?जवाहरलाल शर्मा ने कहा है कि जितने भवन बने अगर उतने आक्योपेंसी सर्टिफिकेट अगर निर्गत नहीं हुए तो जाहिर है कि वे गैर कानूनी तरीके से निर्मित हैं.ऐसे में इस सूचना के खुलासे से जेएनसी की कार्रवाई पर भी सवाल खड़े होंगे.अक्सर कई भवनों को जेएनसी सील करती है और फिर सील खुल भी जाता है.आखिर कैसे?इसका मतलब पूरा तंत्र इस खेल में शामिल है. (नीचे भी पढ़ें)

क्या होता है occupancy certificate (अधिभोग प्रमाणपत्र)
यह एक कानूनी दस्तावेज़ है जो यह पुष्टि करता है कि निर्माण कार्य बिल्डिंग नियमों के मुताबिक हुआ है. यह स्थानीय म्यूनिसिपल प्रशासन द्वारा निर्माण कार्य पूरा होने के बाद जारी होता है कि भवन पजेशन के लिए तैयार है. जवाहरलाल शर्मा का कहना है कि लिखित जानकारी के बाद अहम खुलासे होंगे कि आखिर शहर में कानूनी तरीके से कितने भवन बने हैं और गैर कानूनी से बन रहे भवनों को लेकर जेएनसी क्या कार्रवाई करती है? अगर कार्रवाई नहीं हुई तो आखिर हुआ क्या? क्या पैसे का लेन देन हुआ?फिलहाल पत्र जेएनसी को भेज दिया गया है और देखना है कि इस आरटीआई के जवाब से क्या निकलता है.कहीं इसके जवाब से नए सवाल तो नहीं खड़े हो जाएंगे? वहीं इस विषय पर जेएनसी के विशेस पदाधिकारी कृष्ण कुमार ने कहा है कि इस संबंध में तमाम जानकारियां एकत्र करके मंगलवार को वे मीडिया में बयान देंगे..

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