जमशेदपुर : आत्महत्या निवारण केंद्र जीवन की डिप्टी डायरेक्टर मेडूरी दुर्गा राव के अनुसार आत्महत्या एक अनंत काल तक चलने वाली वैश्विक महामारी है और भारत को इसका गढ़ माना जाता है, क्योंकि यह उन देशों में से एक है जिनमें आत्महत्या की दर सबसे अधिक है. वैश्विक आत्महत्या की संख्या में भारत का करीब 36% भागीदारी है. जमशेदपुर ने भी झारखंड में अपनी दूसरी रैंक को बनाए रखा. 2018 से 2020 तक धनबाद पहले नंबर पर था.डिप्रेशन एक मानसिक विकार है. किसी भी प्रकार के मानसिक स्वास्थ्य से सम्बन्धित समस्याओं का समय पर निदान किया गया तो शायद 98 प्रतिशत व्यक्ति के मन में आत्महत्या के विचार उत्पन्न ही न हो. मानसिक स्वास्थ्य के क्षेत्र में विशेषज्ञों की राय है कि आत्महत्या का सीधा और अंगीकृत संबंध मानसिक विकारों जैसे तनाव, डिप्रेशन, दुषचिन्ता आदि के साथ है. सांख्यिकी के अनुसार 89 प्रतिशत लोग तनाव का सामना करते हैं. (नीचे भी पढ़ें)
88 प्रतिशत लोग दुषचिंता का सामना करते हैं. अगर इनका समय पर इलाज प्रारम्भ नहीं किया जाये तो ये गंभीर डिप्रेशन में बदल सकते हैं. दुर्भाग्यवश जागरूकता की कमी के 75 प्रतिशत व्यक्ति इसे नजरअंदाज करते हैं या इलाज को ही नकारते है. महत्वपूर्ण खोज यह है कि जो लोग डिप्रेशन से पीड़ित होते हैं, वे सभी आत्महत्या नहीं करते हैं. लेकिन जो लोग आत्महत्या करते हैं, वे अवश्य डिप्रेशन से पीड़ित रहे होते हैं. जीवन संस्था अपने सामाजिक दायित्व के प्रति सदा सजग रहा और रहेगा भी. बस आप सब से करबद्ध निवेदन है कि अगर आप किसी व्यक्ति को किसी भी प्रकार की मानसिक बीमारी से ग्रसित पाते है, तो कृपया उनको तुरन्त सही इलाज करवाने के लिए प्रोत्साहित करे. साथ ही नि:शुल्क तथा गोपनीय भावनात्मक सहयोग के लिए हमसे संपर्क कराने का कृपा करें. यह आपका सामाजिक दायित्व कहा जा सकता. जीवन की नि:शुल्क सेवाएं 365 दिन सुबह 10 बजे से शाम 6 बजे तक उपलब्ध है. किसी भी प्रकार के मानसिक तनाव की स्थिति में 9297777499/9297777500 पर संपर्क कर सकते है.