जमशेदपुर : कोल्हान के सबसे बड़े सरकारी अस्पताल में पिछले दिनों चक्रधरपुर की एक महिला की मौत मामले पर झारखंड हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश ने संज्ञान लेते हुए एक जांच टीम गठित करते हुए रिपोर्ट तलब किया है. वहीं रविवार को झालसा की टीम ने एमजीएम अस्पताल का दौरा कर पूरे मामले का जांच किया. इस दौरान पूरे मामले पर शुरू से नजर रख रहीं अधिवक्ता अमृता भी जांच टीम के साथ मौजूद रहीं. अमृता ने बताया कि एक अखबार में छपी रिपोर्ट पर संज्ञान लेते हुए अगले ही दिन वे एमजीएम अस्पताल पहुंची थीं. जहां उन्होंने पूरी रिपोर्ट को सही पाया था, और महिला को तड़पता पाया था. अधिवक्ता ने पूरे मामले में निजी तौर पर भी पीआईएल दाखिल किए जाने की बात कही है. उन्होेने पूरे मामले में अस्पताल प्रसाशन को दोषी माना है. वहीं झालसा की टीम के पहुंचते है असप्तला परिसर में हड़कंप मच गया. टीम के सदस्यों ने अधीक्षक के कक्ष में करीब डेढ़ घंटे तक बारी- बारी से घटना के दिन ड्यूटी पर मौजूद कर्मियों और चिकित्सकों से पूछताछ की. इस दौरान अस्पताल के उपाधीक्षक डॉ नकुल प्रसाद चौधरी मौजूद रहे. गौरतलब है कि बीते 14 फरवरी को आजाद मजदूर ने इस मामले का खुलासा किया था, जिसके बाद झारखंड हाई कोर्ट के मुख्य न्यायधीश ने कड़ी आपत्ती जताते हुए ऐसे अस्पतालों को बंद करने का फरमान जारी करते हुए एक टीम गठित कर रिपोर्ट तलब किया है. आजाद मजदूर की रिपोर्ट के अनुसार चक्रधरपुर की 30 वर्षीय महिला हीरामुनी बारला को उसके पति ने केरोसिन छिड़ककर जलाकर मारने का प्रयास किया था. लगभग 90 फीसदी जल चुकी महिला को एमजीएम अस्पताल में भर्ती कराया गया था. जहां अस्पताल की कुव्यवस्था के कारण महिला इंफैक्शन की शिकार हो गयी और अगले ही दिन महिला को मौत हो गई. फिलहाल जांच टीम रिपोर्ट लेकर लौट चुकी है. अब देखना ये दिलचस्प होगा कि क्या हाईकोर्ट के न्यायधीश इस रिपोर्ट से संतुष्ट होते हैं. अगर रिपोर्ट से संतुष्ट होते हैं, तो अस्पताल प्रसाशन पर कोई कार्रवाई का फरमान सुनाते हैं, या सब जांच के बाद जांच और तारीख पर तारीख में उलझकर रह जाता है.
Jamshedpur : एमजीएम अस्पताल की लापरवाही से चक्रधरपुर की महिला की मौत मामले में हाईकोर्ट के आदेश पर झालसा की टीम ने की जांच, हड़कंप
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