जमशेदपुर:झारखंड सिख प्रतिनिधि बोर्ड के अध्यक्ष सह ट्रांसपोर्टर गुरचरण सिंह बिल्ला की हत्या की साजिश रचने के मामले में अभियुक्त एवं सेंट्रल गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के प्रधान गुरमुख सिंह मुखे ने झारखंड हाईकोर्ट में दायर कोर्ट बदले जाने की याचिका को वापस ले लिया है. शुक्रवार को इस मामले में हाईकोर्ट में जस्टिस संजय कुमार द्विवेदी की खंडपीठ में सुनवाई हो रही थी. यहां मुखे की ओर से पैरवी कर रहे अधिवक्ता प्रवीण शंकर दयाल ने उक्त मामले को वापस लेने का अनुरोध किया गया, जिसे जस्टिस ने सुनवाई के दौरान स्वीकृत कर लिया. मुखे के इस आवेदन को वापस लेने से अब नया मोड़ आ गया है. सबकी निगाहें उन पर टिक गई हैं. इससे पूर्व पीडीजे ( प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश) की अदालत ने गुरमुख सिंह मुखे की उस याचिका को खारिज कर दिया था, जिसमें कहा गया था कि उसे एडीजे 4 राजेन्द्र कुमार सिन्हा की अदालत पर न्याय मिलने का भरोसा नहीं है, इसलिये उसके मामले को अन्यत्र स्थानांतरित किया जाये.(नीचे भी पढ़े)
पीडीजे की अदालत ने याचिका पर असंतोष व्यक्त करते हुये उसे खारिज किया था और आदेश दिया कि मामले की सुनवाई के लिये अदालत नहीं बदलेगी और उसी अदालत में ही मामले की सुनवाई होगी. इस मामले में एडीजे 4 राजेन्द्र कुमार सिन्हा की अदालत ने आरोप गठन की प्रक्रिया पूरी की जाएगी. उसके बाद मुखे ने पीडीजे के उक्त फैसले को हाईकोर्ट में चुनौती दी थी. आपको बता दें कि इस मामले में न्यायाधीश राजेंद्र कुमार सिन्हा के न्यायालय में गुरमुख सिंह मुखे, टीनप्लेट गुरुद्वारा कमेटी के प्रधान तरसेम सिंह सैनी के भाई अमरजीत सिंह अंबे सहित अन्य आरोपियों पर आरोप गठन होना है.