जमशेदपुर : पिछले दिनों जमशेदपुर के पर्यावरण प्रेमी याचिकाकर्ता अवधेश कुमार पाण्डेय द्वारा दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए एनजीटी की कोलकाता बेंच ने उच्चस्तरीय कमिटी गठित करते हुए झारखण्ड सरकार के मुख्य सचिव, उपायुक्त जमशेदपुर, जमशेदपुर अधिसूचित क्षेत्र समिति और क्षेत्रीय वन पदाधिकारी सहित टाटा स्टील एवं टाटा मोटर्स को तत्काल अपने अपने क्षेत्रो में वृक्षों की जड़ो से एक मीटर के व्यास की भूमि को कंक्रीट एवं टाइलिंग से मुक्त कर 11 सितम्बर तक शपथ पत्र दायर करने का आदेश दिया था, जिसपर शपथ पत्र दायर करते हुए जमशेदपुर अधिसूचित क्षेत्र समिति के विशेष पदाधिकारी मुकेश कुमार ने साफ़ साफ़ इस बात से इनकार किया है कि जमशेदपुर अधिसूचित क्षेत्र में पेंड़ो की जड़ो के एक मीटर के दायरे में किसी प्रकार की कंक्रीट अथवा टाइलिंग नहीं की गई है, जो की सरासर झूट और दुभाग्यपूर्ण है. (नीचे भी पढ़ें)
श्री पाण्डेय ने कहा कि जमशेदपुर अधिसूचित क्षेत्र में हजारो की संख्या में ऐसे वृक्ष मौजूद है, जो कि सड़को के किनारे कंक्रीट और टाइलिंग से जूझते हुए देखे जा सकते है जिन्हें संरक्षित करने की आवश्यकता है. जमशेदपुर अधिसुचित क्षेत्र समिति का यह शपथ पत्र वृक्षों एवं पर्यावरण के प्रति इसकी उदासीनता को दर्शाता है. इसको लेकर बड़ा झूठ बोला गया है जबकि हकीकत है कि कई इलाका में अब भी ऐसे वृक्ष है, जो सीमेंट से घिरा हुआ है. (नीचे भी पढ़ें)
याचिकाकर्ता की ओर से मामले के पैरवीकार अधिवक्ता रविशंकर पाण्डेय ने कहा कि टाटा स्टील ने इस मामले में अबतक कोई गंभीरता नहीं दिखाई, कंपनी का ऐसा बर्ताव पर्यावरण के प्रति उनकी उदासीनता दर्शाता है साथ साथ ही साथ उन्होंने उन्होंने टाटा मोटर्स द्वारा करीब 400 वृक्षों को संकटग्रस्त चिन्हित करने पर हर्ष भी व्यक्त किया है. टाटा मोटर्स ने अपने जवाब में टेल्को कॉलोनी में करीब 150 वृक्षों को आदेश के आलोक में कंक्रीट मुक्त करने की बात कही है तथा शेष वृक्षों को कंक्रीट मुक्त करने का कार्य जारी है.