

जमशेदपुर : जमशेदपुर में सामानांतर सरकार चलाने की बातें सुनी जाती थी, लेकिन अब जनता को हाल के दिनों में फिर से दिखने ही लगा है. हालात यह है कि जमशेदपुर में टाटा लीज एरिया में अलग कानून और टाटा लीज एरिया के बाहर अलग कानून चलाने की कोशिश हो रही है. यहीं हालात झारखंड सरकार द्वारा पार्कों को लेकर खोलने का आदेश जारी कर चुकी है. इस आदेश के आलोक में झारखंड की राजधानी रांची समेत तमाम जिलों में पार्कों को खोल दिया गया है. आदेश के तहत एक मार्च से सारे पार्क को खोला जाना है. लेकिन जमशेदपुर में जुबिली पार्क या किसी तरह का कोई पार्क नहीं खोला गया है. टाटा स्टील द्वारा जुबिली पार्क का संचालन किया जाता है जबकि सारे पार्क जमशेदपुर के टाटा लीज एरिया में टाटा स्टील ही संचालित करती है, जिसकी एजेंसी के रुप में टाटा स्टील यूटिलिटीज एंड इंफ्रास्ट्रक्चर (जुस्को) काम करती है. इस आदेश के लागू हुए 6 दिन हो गये है. लेकिन अब तक जुबिली पार्क समेत कोई पार्क नहीं खोला गया है. टाटा स्टील द्वारा यह बहाना बनाया जा रहा है कि उनको पार्क खोलने का आदेश नहीं आया है, जिस कारण पार्क को नहीं खोला गया है. लेकिन सवाल यह उठ रहा है कि क्या टाटा स्टील या उसकी एजेंसी को पार्क बंद करने का कोई लिखित आदेश आया था, जिसके जरिये पार्क बंद किया गया था. अगर आदेश आया था तो यह सरकार की जवाबदेही है कि पार्क को खोलने का आदेश बकायदा टाटा स्टील तक पहुंचायी जाये या फिर सरकार के बड़े नुमाइंदे जमशेदपुर के डीसी इसके लिए आदेश जारी करें कि पार्क खोलना है या नहीं. अगर झारखंड में पार्क खुल जा रहे है और जमशेदपुर में नहीं खुलता है तो क्या जमशेदपुर के लिए झारखंड सरकार अलग से आदेश निकालेगी या फिर वहीं आदेश प्रभावी होगा, यह बड़ा सवाल उठ रहा है. झारखंड से क्या जमशेदपुर अलग है या झारखंड सरकार का आदेश जमशेदपुर में प्रभावी नहीं होता है. यह सवाल आम लोग भी उठा रहे है कि क्या जमशेदपुर में झारखंड का दो तरह का आदेश लागू होगा. पार्क नहीं खुलने से लोग घुमने नहीं जा पा रहे है. लोगों में कुंठा बढ़ रही है. बच्चे कैद ही रह रहे है. जब सबकुछ खुल गया है और राज्य में पार्कों को खोल दिया गया है तो कुछ सोच समझकर ही फैसला सरकार ने लिया होगा तो फिर क्यों नहीं जमशेदपुर में यह आदेश प्रभावी हो रही है.
