अन्नी अमृता / जमशेदपुर : व्यापार का हब कहे जानेवाले जमशेदपुर के जुगसलाई क्षेत्र के लोगों की जिंदगी शहर के बाकी इलाकों की तरह नहीं है. यहां जिंदगी की रफ्तार थम जाती है. लोग काम के लिए निकलते हैं और रेलवे फाटक पर रूकना पड़ता है, काम पर लेट हो जाते हैं. बच्चे स्कूल के लिए निकलते हैं और फिर कई बार बंद रेलवे फाटक उनके समय पर स्कूल पहुंचने में बाधक बन जाते हैं. इमरजेंसी के मरीजों की हालत फाटक पर आकर और बिगड़ जाती है क्योंकि वे समय पर अस्पताल नहीं पहुंच पाते. (नीचे भी पढ़ें व वीडियो देखें)
आज़ादी से पहले से यहां ओवरब्रिज की मांग होती रही है जो पांच साल पहले परवान चढ़ना शुरू हुई जब रेलवे ने ओवरब्रिज का निर्माण शुरू किया, लेकिन आज भी ये योजना लटकी हुई है. निर्माण कार्य पूरा न हो पाने से आज भी रेलवे फाटक पर आकर जुगसलाई के लोगों की जिंदगी ठहर जाती है. (नीचे भी पढ़ें व वीडियो देखें)
हावड़ा मुंबई मार्ग होने की वजह से यह रूट अत्यधिक व्यस्त रूट है जहां से महत्वपूर्ण ट्रेनें गुजरती रहती हैं. थोड़ी थोड़ी देर पर फाटक बंद हो जाता है. कभी-कभी तो लगातार अंतराल पर ट्रेनें गुजरती है, तब काफी देर तक फाटक बंद हो जाता है. (नीचे भी पढ़ें व वीडियो देखें)
शार्प भारत की टीम ने जुगसलाई के लोगों से बातचीत की तो लोगों ने खुलकर अपने दर्द साझा किए.समाजसेवी चंदन जायसवाल ने बताया कि मैट्रिक और इंटर की परीक्षा के दौरान कई परिक्षार्थियों की परीक्षाएं छूट गईं. आजसू नेता तनवीर और अन्य लोगों ने बताया कि जुगसलाई में अच्छे अस्पताल होने के बावजूद रेलवे फाटक की वजह से अच्छे डाक्टर नहीं आते हैं. (नीचे भी पढ़ें व वीडियो देखें)
व्यवसाई मुन्ना अग्रवाल ने कहा कि वे बचपन से सुनते आए कि ओवरब्रिज बनेगा और अब जबकि ओवरब्रिज का ढांचा दिखने लगा है अब भी इसके अधूरे कार्य और परियोजना को लटका देखकर तकलीफ होती है. (नीचे भी पढ़ें व वीडियो देखें)
उन्होंने बताया कि ओवरब्रिज और उसके एप्रोच पथ को लेकर 95प्रतिशत तक अतिक्रमण हटाया जा चुका है फिर भी काम पूरा नहीं हो पाया है. जिस तरह निर्माण कार्य चल रहा था 2022 अगस्त तक ओवरब्रिज चालू होने की उम्मीद बन गई थी, लेकिन निर्माण कार्य की सुस्त रफ्तार से इस साल इसके पूर्ण होने की कोई उम्मीद नहीं बची है. लोगों ने बताया कि फाटक बंद रहने पर इमरजेंसी के मरीजों की यहां मौत भी हो चुकी है, मगर फिर भी काम में तेजी लाने के लिए रेलवे और झारखंड सरकार प्रयत्नशील नहीं है. (नीचे भी पढ़ें)
इन वजहों से कार्य पूरा नहीं हो पा रहा है
– बालू घाटों की नीलामी न होने से बालू की उपलब्धता की परेशानी है.
– फ्लाई ऐश की अनुपलब्धता : रोड फील करने के लिए टाटा पावर से फ्लाई ऐश नहीं मिल रहा है.रेलवे और टाटा पावर के बीच किन दिक्कतों की वजहों से ऐसा हो रहा है, इसकी जानकारी नहीं क्योंकि इस मामले पर रेलवे या इसकी परियोजना से जुड़ी कंपनियां मीडिया में कोई बयान देने से बचती हैं.
– कार्यपालक अभियंता जनवरी 2022में रिटायर हो गए जिसके बाद से काम पूरी तरह पेंडिंग हो गया.