जमशेदपुर : एलबीएसएम कॉलेज के मनोविज्ञान विभाग की ओर से शैक्षणिक व्याख्यान का आयोजन किया गया. अभिप्रेरक और अभिप्रेरक के प्रकार विषय पर आयोजित इस व्याख्यान की अध्यक्षता महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ अशोक कुमार झा ने की. प्राचार्य ने अपने वक्तव्य में कहा कि प्रेरणा हमारे आंतरिक उत्साह, विश्वास और क्रियाओं के प्रति हमें उत्तेजित करती है. उन्होंने कहा कि अभिप्रेरणा को समझने के साथ-साथ हमें उसे अपनी आदत में सम्मिलित करना चाहिए, क्योंकि आदतें दीर्घकालिक होती हैं. (नीचे भी पढ़ें)
उन्होंने बच्चों का उदाहरण देते हुए समझाया कि यदि कोई हमें सुबह की सैर पर जाने के लिए अभिप्रेरित करे तो हम यह सोच कर कि सुबह की सैर स्वास्थ्य के लिए अच्छी होती है, एक-दो दिन जाएंगे और फिर अभिप्रेरणा समाप्त होते ही वापस पहले वाली दिनचर्या में आ जाते हैं तो आपने प्रेरणा को आत्मसात नहीं कि.. यदि हम अंत: प्रेरणा से प्रेरित होकर सुबह की सैर को अपनी आदत बना लेंगे तो प्रति दिन बिना किसी के कहे हम सुबह की सैर का आनंद लेने जरूर जाएंगे, क्योंकि जब कोई अभिप्रेरणा हमारी आदत में शामिल हो जाती है तो हमें उसके लिए अधिक प्रयास नहीं करना पड़ता.(नीचे भी पढ़ें)
मुख्य वक्ता प्रीति सैनी ने कहा कि प्रेरक एक व्यापक शब्द है. इसमें आवश्यकता, चालक, प्रोत्साहन तीनों सम्मिलित हैं. उन्होंने जैविक और अर्जित प्रेरक की भी व्याख्या की. व्याख्यान का संचालन डॉ प्रशांत ने किया, जबकि धन्यवाद ज्ञापन प्रो प्रमिला किस्कू ने किया. मौके पर डॉ सुधीर सुमन, डॉ शबनम परवीन, प्रो मोहन साहू, डॉ नूपुर रॉय एवं कॉलेज के छात्र- छात्राएं उपस्थित रहे.