Jamshedpur : झारखंड में सत्ता से बेदखल होने के बाद भाजपाइयों को जनता का दर्द नजर आने लगा है. वैसे इसके लिए भाजपा नेता सामाजिक संगठन के चोले का सहारा ले रहे हैं, पार्टी का नहीं. क्योंकि उन्हें इस बात का डर है, कि कहीं जनता उनसे ये न पूछ ले कि 5 साल नेताजी कहां थे ? यहां हम बात कर रहे हैं, जमशेदपुर के भाजपा नेता विकास सिंह की. वैसे तो राज्य में पिछली भाजपा सरकार के कार्यकाल में जमशेदपुर महानगर भाजपा में विकास सिंह हाशिए पर ही रहे, लेकिन तत्कालीन मंत्री सरयू राय के सरपरस्ती के कारण उन्हें सुर्खियां मिलती रही. वर्तमान कमेटी में भी भाजपा ने उन्हें दूर ही रखा है. ऐसे में अपना वजूद बचाए रखने को लेकर मुट्ठी भर लोगों के साथ एनएच-33 को दुरुस्त करने की मांग को लेकर एनएचएआई के विरोध में मानगो डिमना चौक से लेकर जिला मुख्यालय तक पदयात्रा कर उपायुक्त को खून का रिश्तेदार बताते हुए एनएच-33 को दुरुस्त कराने की मांग की. (आगे की खबर नीचे पढ़ें)
उन्होंने क्रांतिकारी अंदाज में बाबा तिलका मांझी से लेकर शहीदे आजम भगत सिंह को याद करते हुए खुद को क्रांतिवीर भी बताया और दुर्गापूजा के बाद राजभवन तक पदयात्रा करने की चेतावनी दे डाली. आपको बता दें कि एनएचएआई का काम केंद्र सरकार देखती है. अब भाजपा नेता केंद्र सरकार के विरोध में तो कुछ बोल सकते नहीं. पिछले पांच साल किसके विरुद्ध बोलते इसलिए चुप रहे. अब झारखंड में सत्ता रही नहीं, केंद्र सरकार के खिलाफ सीधे बोल सकते नहीं, तो भड़ास निकालने के लिए संदूक में बंद मानगो जन संघर्ष समिति का चोला ओढ़कर भाजपा नेता ने शहीदे आजम भगत सिंह के अंदाज में क्रांति की इबादत लिखने की ठानी. और एनएच-33 को दुरुस्त कराए जाने की मांग को लेकर 6 किलोमीटर लंबी पदयात्रा कर जिला प्रशासन को चेतावनी दे दी है. वैसे पिछले मुख्यमंत्री पूरे 5 साल के कार्यकाल में महज 2 दफा ही रांची से जमशेदपुर सड़क मार्ग से आए थे. ये सवाल भाजपा नेताओं ने कभी नहीं किया. आज जनता त्राहिमाम में है, तो इन्हें जनता का दर्द सताने लगा है. चलिए जनता समझदार है. भाजपा नेता विकास सिंह को क्रांतिकारी आगाज़ के लिए शुभकामनाएं.