जमशेदपुर: सिदगोड़ा शिव सिंह बगान निवासी मनप्रीत पाल सिंह की हत्या हुए शुक्रवार तीन दिन हो गए हैं. हत्यारों की गिरफ्तारी नहीं होने के कारण परिजनों और सिख समाज में आक्रोश बढ़ता जा रहा है. शुक्रवार को भी सिख नेता मनप्रीत पाल के घर के बाहर जुटे. परिजनों की भावना की कद्र करते हुए सभी ने उनके साथ खड़े रहने का भरोसा दिया. सिदगोड़ा थाना प्रभारी रंजीत कुमार 11.40 बजे मनप्रीत के घर आए. उन्होंने पुलिस की कार्रवाई पर भरोसा करने की बात कही, साथ ही शव का पोस्टमार्टम करने की बात रखी. इस पर मनप्रीत के पिता हरजिन्दर सिंह, मां सोनी कौर अड़ गए, मां ने दो टूक जवाब दिया, जब तक पांच नामजद आरोपियों को नहीं देख लेती, तब तक बेटे को नहीं देखेंगे. इस पर समाज ने भी परिजनों के साथ खड़े रहने की हुंकार भरी और थाना प्रभारी को बैरंग लौटना पड़ा.
थाना प्रभारी को हटाने की मांग तेज होने लगी: मनप्रीत के घर में धीरे धीरे सिख समाज के लोग जुट रहे हैं वैसे वैसे आक्रोश बढ़ते जा रहा है. थाना प्रभारी रंजीत कुमार को हटाने के लिए भी आवाज मुखर होने लगी है. थाना प्रभारी को मां सोनी कौर ने अपनी भावनाओं से अवगत कराया. कहा की घटना के वक्त अगर समय से पुलिस आई होती तो आज बेटा उनके बीच रहता. मामले में केस का आइओ भी इंक्पेक्टर रेंक के अधिकारी को बनाने की मांग की जा रही है. लोगों का इस बात को लेकर भी आक्रोश है की घटना के बाद जब पुलिस जीप में मनप्रीतपाल के शव को रखा गया तो पुलिस वाले उसे सिदगोड़ा पेट्रोल पंप घुमाने लगे, क्या पुलिस वालों ने टीएमएच नहीं देखा था. बहरहाल, बैठक स्थल से हटकर भी थाना प्रभारी ने अपना प्रयास जारी रखते हुए समाज को कंविन्स करने की कोशिश की, लेकिन वे विफल रहे. थाना प्रभारी को कहा गया की आरोपियों को बचाने की कोशिश हो रही है. मनप्रीतपाल के आपराधिक रिकॉर्ड को भी राजनितिक दबाव में तूल दिया जा रहा है, जो बर्दाश्त नहीं करेंगे.
ये लोग थे उपस्थित: झारखंड प्रदेश कमेटी के प्रधान सरदार शैलेन्द्र सिंह, झारखंड सिख प्रतिनिधि बोर्ड के अध्यक्ष गुरचरण सिंह बिल्ला, सीजीपीसी प्रधान गुरमुख सिंह मुखा, भगवान सिंह, जसवंत सिंह भोमा, तरसेम सिंह सेमे, जसपाल सिंह, कुलविंदर सिंह पन्नू, प्रताप सिंह, दादा कुलवंत सिंह खलेरा, महेन्द्र सिंह आदि शामिल थे.