जमशेदपुर : कोल्हान के सबसे बड़े अस्पताल एमजीएम में बेड की काफी कमी है. इमरजेंसी में मरीजों की संख्या इतनी ज्यादा होती है कि सब को बेड नहीं मिल पाता. रोज दर्जनों मरीज जमीन पर लेट कर अपना इलाज कराने के लिए मजबूर हैं. पानी चढ़ाने के लिए स्टैंड तक नहीं है. मरीजों के परिजन बोतल लेकर खड़े रहते हैं. तब पानी चढ़ता है. कई बार लोगों ने एमजीएम अस्पताल को सुधारने के लिए स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता से मांग की. लेकिन अभी तक अस्पताल में पर्याप्त बेड उपलब्ध नहीं हो पाया है. एमजीएम अस्पताल को लेकर बार-बार सवाल उठाए जा रहे हैं. रघुवर दास जब मुख्यमंत्री थे तो उन्होंने भी एमजीएम अस्पताल को सुधारने की बात कही थी. जमशेदपुर के ही मुख्यमंत्री होने के बावजूद एमजीएम अस्पताल नहीं सुधर पाया. तब बन्ना गुप्ता रघुवर दास की कार्यशैली पर सवाल उठाया करते थे और कहा करते थे कि मुख्यमंत्री होने के बाद भी एमजीएम अस्पताल नहीं सुधरा. अब खुद स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता हैं. इसके बावजूद एमजीएम अस्पताल जस का तस चल रहा है. स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता को जब मंत्रालय मिला था तो उन्होंने ऐलान किया था कि वह हर हाल में एमजीएम को सुधार के दिखा देंगे. शुरुआत में कुछ दिन लगा एमजीएम अस्पताल का कायाकल्प होगा. लेकिन ऐसा कुछ नहीं हो पाया.