जमशेदपुर : ऑल इंडिया माइनॉरिटी सोशल वेलफेयर फ्रंट के प्रवक्ता सरफराज हुसैन ने कहा है कि शास्त्रीनगर सांप्रदायिक तनाव धर्म निरपेक्ष दलों के लिए चिंता का विषय है. धर्म निरपेक्ष दलों के नेता पूरी तरह चुप्पी साधे हुए हैं. उन्होंने कहा कि राजनीतिक लाचारी की यह भयावह स्थिति कभी नहीं देखी गई. हल्दीपोखर में भी सांप्रदायिक तनाव हुआ, लेकिन धर्मनिरपेक्ष दलों के नेता चुप्पी साधे रहे. (नीचे भी पढ़ें)
शास्त्रीनगर में सांप्रदायिक तनाव पर भी उनकी चुप्पी है. उन्होंने कहा कि पूर्वी सिंहभूम जिले में विधानसभा की 6 सीटें हैं, जिनमें से चार सीटें झारखंड मुक्ति मोर्चा के पास हैं. एक विधायक कांग्रेस का है और एक निर्दलीय विधायक जीते हैं, लेकिन अफसोस की बात है कि सांप्रदायिक दंगों में मुसलमानों व अन्य लोगों की दुकानें जला दी गईं. शास्त्री नगर फारूकी मस्जिद के इमाम मस्जिद और तरावीह पढ़ने वाले बेकसूर लोगों को पुलिस ने गिरफ्तार किया, लेकिन सारे विधायक और सेकुलर दलों के नेता चुप रहे.(नीचे भी पढ़ें)
उन्होंने कहा कि शास्त्रीनगर में पुलिस ने बर्बर कार्रवाई की और धार्मिक गुरु पर भी कार्रवाई की गई. ऑल इंडिया माइनॉरिटी सोशल वेलफेयर फ्रंट ने आवाज बुलंद की तब जाकर फारूकी मस्जिद के इमाम और बच्चों को रिहा किया गया. लेकिन अन्य कई निर्दोष रोजेदारों को जेल भेजा गया. उन्होंने कहा कि रमजान के पवित्र महीने में उनके परिवार वालों के साथ कोई भी सेकुलर दल का नेता खड़ा नहीं हुआ. (नीचे भी पढ़ें)
रोजेदारों के परिजन कचहरी और कोर्ट के चक्कर लगा रहे हैं. दूसरी तरफ केंद्र की भाजपा सरकार के वरिष्ठ मंत्री, पूर्व मुख्यमंत्री, पूर्व मंत्री और पूर्व गृह सचिव तक अपनी पार्टी के लोगों के साथ खड़े हैं. सरफराज हुसैन ने कहा कि अगर सेकुलर पार्टियों के गैर मुस्लिम नेता खुद को सांप्रदायिक शक्तियों के खिलाफ खड़ा कर लें तो सांप्रदायिक शक्तियों का अंत हो सकता है.