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jamshedpur-mla-saryu-roy-जमशेदपुर के विधायक व पूर्व मंत्री सरयू राय ने सिने स्टार स्वर्गीय सुशांत सिंह राजपूत के नाम को झारखंड विधानसभा में किया बुलंद, शोक प्रस्ताव में जुड़वाया सुशांत का नाम, फोन टेपिंग मामले में फिर लिखी मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को पत्र

जमशेदपुर : जमशेदपुर पूर्वी के विधायक और पूर्व मंत्री सरयू राय ने शुक्रवार को सिने स्टार सुशांत सिंह राजपूत के नाम को झारखंड विधानसभा में बुलंद किया. पूर्वी जमशेदपुर के विधायक सरयू राय ने शुक्रवार को विधानसभा में पेश शोक प्रस्ताव में सुशांत सिंह राजपूत का नाम जुड़वाया. झारखंड विधान सभा के मूल प्रस्ताव में हाल ही में दिवंगत फ़िल्म अभिनेता ऋषि कपूर, इरफ़ान खान, पंडित यशराज आदि का नाम था. परंतु सुशांत सिंह राजपूत की नाम नहीं था. विधानसभा अध्यक्ष, मुख्यमंत्री, भाजपा प्रतिनिधि सहित अन्य दलों के नेताओं ने शोक संबोधन में सुशांत सिंह राजपूत का नाम नहीं लिया. अंत में शोक प्रस्ताव पर बोलते हुए सरयू राय ने शोक प्रस्ताव में अपनी ओर से सुशांत सिंह राजपूत का नाम जोड़ा और उन्हें श्रद्धांजलि देते हुए कहा कि सुशांत सिंह राजपूत के परिजनों को भी विधानसभा की ओर से शोक संदेश भेजा जाए. उन्होंने कहा कि सुशांत सिंह की रहस्यमय मृत्यु पूरे देश में चर्चा का विषय बनी हुई है.

झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को सरयू राय ने लिखा पत्र
झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को पूर्व मंत्री सरयू राय ने पत्र लिखा है. उपर्युक्त विषय में श्री राय ने बताया है कि उन्होंने दिनांक 01.05.2020 को आरक्षी महानिदेशक को पत्र लिखा था और जांच कराने का अनुरोध किया था. सीआई और विशेष शाखा को जांच करने का आदेश हुआ. सीआईडी ने जांच पूरी कर ली है. कार्रवाई भी शुरू कर दी. परंतु विशेष शाखा की जांच अधर में लटकी हुई है. इस बारे में मैंने दिनांक 07.08.2020 को राज्य के पुलिस निदेशक को स्मारित किया था और जाँच प्रतिवेदन माँगा था जो अभीतक नहीं मिला. श्री राय ने आशंका जतायी है कि विशेष शाखा की जांच में मामले पर जानबूझकर लीपापोती की गई है. फिर भी अवैध कार्यालय से जुड़े कतिपय पुलिसकर्मियों ने लिखित गवाही दिया है कि अवैध कार्यालय, जिसका प्रभार एक निजी व्यक्ति के हाथ मे था, में विशेष शाखा के तत्कालीन एडीजी भी आया करते थे. भवन निर्माण विभाग से वह भवन मुख्यमंत्री के निर्देशानुसार आवंटित कराया गया था. विशेष शाखा के एडीजी ने संभवत: जाँच प्रतिवेदन में कहा है कि सच्चाई बाहर आयेगी तो पुलिस की बदनामी होगी. श्री राय ने कहा है कि मुख्यमंत्री जी, पुलिस की बदनामी इस घृणित कुकर्म का परदाफाश होने से नहीं बल्कि इसे दबाने से होगी. पुलिस के अधिकारियों की मनोवृत्ति आपराधिक हो जायेगी, वे क़ानून विरोधी काम करने लगेंगे, कोयले का अवैध उठाव कराने लगेंगे, कोयला के अवैध व्यापार में लगे शातिर समूहों को संरक्षण और उन्हें अलग-अलग ज़िलों से अंगरक्षक दिलवाने लगेंगे तब पुलिस की छवि बदनुमा होगी और क़ानून व्यवस्था पर प्रतिकुल प्रभाव पड़ेगा, पुलिस तंत्र पर से लोगों का विश्वास उठ जायेगा, वर्दी पर दाग लगेगी. इसलिये पुलिस की वर्दी में ग़ैरक़ानूनी काम करने वालों की पहचान होना और उन्हें दंडित कर अलग थलग करना क़ानून व्यवस्था के सुचारू संचालन के लिये ज़रूरी है. श्री राय ने कहा है कि विशेष शाखा की अवैध कारगुज़ारी की जाँच को शिथिल करने में कोयला की हेराफेरी करने में लगा शातिर समूह सक्रिय हो गया है. ये जाँच को प्रभावित करने का सक्रिय प्रयास करने में जुट गये हैं. जाँच पूरी जितना ही विलंब होगा इनका हस्तक्षेप उतना ही बढ़ेगा. झारखंड में कोयला के अवैध कारोबार की एनआईए जाँच जिस तरह पथभ्रष्ट हुई है उससे इस शातिर समूह का मनोबल बढ़ा है. वैसा ही सलूक ये विशेष शाखा की जाँच के साथ भी करना चाह रहे हैं. श्री राय ने ऐसे लोगों के खतरानाक मंसूबों से आगाह किया है. श्री राय ने अनुरोध किया है कि सीएम पूर्व में हुए विशेष शाखा के काले कारनामों की जाँच का दूसरा चरण शीघ्र पूरा करायें, अब तक की जाँच में हुए खुलासों के अनुसार चिन्हित दोषियों पर कारवाई करायें तथा सीआईडी और विशेष शाखा की जाँच के पहले चरण के प्रतिवेदनों को मुझे उपलब्ध कराने का निर्देश दें.

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