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Jamshedpur-MP-meets-Union-Minister-for-Roads-and-Highways : सांसद विद्युत वरण महतो ने की केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी से मुलाकात, पारडीह काली मंदिर से बालीगुमा तक एलिवेटेड कोरिडोर बनाने, पारडीह काली मंदिर के मद्देनजर रोड एलाइनमेंट में परिवर्तन समेत अन्य मांगें रखी, मंत्री ने कहा-जल्द बुलायेंगे तकनीकी टीम की बैठक

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जमशेदपुर : जमशेदपुर के सांसद विद्युत वरण महतो ने शुक्रवार को केंद्रीय सड़क एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी से मुलाकात की एवं पारडीह से बालिगुमा तक एलिवेटेड कॉरिडोर बनाने की मांग की। सांसद श्री महतो ने श्री गडकरी को एक ज्ञापन सौंपते हुए तमाम विषयों को विस्तार पूर्वक रेखांकित करते हुए कहा कि वर्तमान में NH-33 PKG-IV पर जमशेदपुर से महुलिया तक 4/6 लेन का निर्माण कार्य प्रगति पर है, जिसमें किमी 243.00 से किमी 250.00, जमशेदपुर शहरी क्षेत्र के अन्तर्गत आता है। इस शहरी क्षेत्र से गुजरने वाले पथांश में आ रही समस्याओं का निराकरण जल्द से जल्द करने की आवश्यकता है। उन समस्याओं को लेकर श्री महतो ने श्री गड़करी के साथ विस्तृत चर्चा की। (नीचे भी पढ़ें)

सांसद ने ज्ञापन में कहा है कि प्राकृतिक सम्पदाओं से भरपूर झारखण्ड राज्य का लाईफ लाईन कहे जाने वाले इस औद्योगिक शहर के विकास की गतिविधियां NH-33 से ही जुड़ी हुई हैं। सिर्फ जमशेदपुर शहर ही नहीं पूरे क्षेत्र का सामाजिक-आर्थिक विकास एवं झारखण्ड राज्य की प्रगति कहीं न कहीं NH-33 से ही जुडा हुआ है। वाहनों की लगातार वृद्धि को देखते हुए यह कहा जा सकता है कि आगे चलकर चार लेन को छह लेन में परिवर्तित करना अति आवश्यक होगा। वर्तमान में सिर्फ डिमना चौक एवं पारडीह चौक के आंशिक भाग पर फ्लाई ओवर बनाने का प्रावधान है। जमशेदपुर शहरी क्षेत्र के अर्न्तगत 10 से 12 बड़े-बड़े उद्योग (टाटा स्टील, टाटा मोटर्स सहित) एवं उसके कारण वर्तमान एवं भविष्य में होनेवाले सघन यातायात के मद्धेनजर जमशेदपुर शहरी क्षेत्र अर्न्तगत NH-33 PKG-IV का कि0मी0 243.00 से किमी 250.00 तक (पारडीह काली मंदिर से बालीगुमा तक) ‘‘एलिवेटेड कॉरिडर‘‘ (Elevated Corridor) बनाया जाना अति आवश्यक है। (नीचे भी पढ़ें)

पूरे ज्ञापन के विषय वस्तु पर चर्चा करते हुए सांसद श्री महतो ने कहा की यदि इस मामले पर तत्काल ध्यान नहीं दिया गया तो पूरे भारत का एक अच्छा शहर आने वाले 5 वर्षों में जामवाला शहर बन जाएगा। इस पर श्री गडकरी में सांसद को कहा कि इस मामले पर यथाशीघ्र एक बैठक आहूत करेंगे और अपनी तकनीकी टीम के साथ इस पर विस्तार पूर्वक विचार करेंगे। उन्होंने सांसद श्री महतो को कहा कि वह तत्काल अपने सचिव को निर्देश दे रहे हैं कि पूरे मामले को एनएचएआई के रांची डिवीजन को भेजा जाए और इस पर विस्तृत रिपोर्ट उन्हें दी जाये। श्री गडकरी ने यह भी कहा यदि संभव हुआ तो वह एक सप्ताह के अंदर ही इस पर बैठक बुलाएंगे अथवा संसद का आगामी सत्र जो 8 मार्च से प्रारंभ हो रहा है उसी अंतराल में इस बैठक को रखेंगे। साथ ही मामले का सकारात्मक समाधान निकालेंगे। श्री गडकरी के आवासीय कार्यालय में संपन्न यह बैठक लगभग 20 से 25 मिनट चली। (नीचे भी पढ़ें)

क्या है ज्ञापन में (नीचे पढ़ें)

  1. पानी की पाइप लाइन स्थानांतरित करना :- किसी भी शहर के विकास के लिए रास्ता की अहमियत जितनी है उससे ज्यादा महत्वपूर्ण जन जीवन के लिए पानी की व्यवस्था। जमशेदपुर शहरी क्षेत्रों में NHAI का पूर्व अर्जित भूखण्ड 45 मी0 ही है। उक्त भूखण्ड के दोनों किनारे बिजली खम्भा, पानी के लिए पाइप लाईन होने के कारण चारलेन निर्माण कार्य के लिए अधिकांश जगह पर 38 से 40 मी0 रॉ उपलब्ध पाया गया, कहीं-कहीं 38 मी0 से भी कम जमीन की उपलब्धता है। चारलेन निर्माण कार्य के दौरान हमेशा ही पानी की पाइप लाइन क्षतिग्रस्त होने के कारण स्थानीय निवासीयों को परेशनियों का सामना करना पड़ रहा है। जमीन की उपलब्धता कम होने के कारण उक्त पाइप लाईन स्थानांतरित करना सम्भव नहीं है।
  2. रॉ कम होने के कारण मानक के अनुसार ड्रेन का निर्माण ना हो पाना :- जमशेदपुर शहरी क्षेत्र में पारडीह चौक से डिमना चौक तक पथ के दोनों किनारे बनने वाले ड्रेन, NHAI के मानक के अनुसार सही हो सकता है, लेकिन ‘दलमा इको सेंसेटिव जोन‘ की उंची पहाडियों से आने वाली बरसात के पानी का भारी दबाव को झेलना असम्भव लगता है। बारिश के कारण अक्सर पारडीह चौक से डिमना चौक के बीच NH-33 पर पानी का जमाव रहता है एवं पानी के तेज धार से रोड भी खराब हो जाता है। पानी के तेज बहाव को रोकने के लिए ड्रेन का बड़ा एवं मजबूत होना जरूरी है। लेकिन रॉ कम होने के कारण यह सम्भव नहीं है।
  3. शहरी क्षेत्र में सीवेज डिस्पोजल व्यवस्था की कमी : जमशेदपुर शहरी क्षेत्र अन्तर्गत NH-33 किनारे दोनों और निर्मित बड़ी-बड़ी ईमारतें, वाणिज्यिक परिसर, होटल, परिवहन कार्यालय, गोदाम इत्यादि बना हुआ है। लेकिन मल-जल निस्तारण (Sewage Disposal) की व्यवस्था नहीं होने के कारण निकास पथ के दोनों किनारे खुला नाली में बहा दिया जाता है। जगह की कमी के कारण जरूरत के हिसाब से निकासी व्यवस्था नहीं हो पाएगा। मल बहाव के लिए जमीन के अन्दर रास्ता के दोनों किनारे पाइप लाइन लगाने की आवश्यकता होगी।
  4. सार्वजनिक उपयोगिता के सम्बंध में : भविष्य में पानी की पाइप लाइन के अलावा, बिजली खम्भा/बिजली का केबल, गेल द्वारा गैस पाइप लाइन एवं मोबाइल कम्पनी के केबल बिछाने का कार्य किया जाना है। वर्तमान उपलब्ध रॉ के अंदर यह कार्य कर पाना सम्भव नहीं है।
  5. रॉ कम होने के कारण मानक के अनुसार सर्विस रोड का निर्माण ना हो पाना :- जमशेदपुर शहरी क्षेत्र अन्तर्गत NH-33 किनारे काफी संख्या में स्कूल, अस्पताल, बड़ी-बड़ी ईमारतें, वाणिज्यिक परिसर, होटल, परिवहन कार्यालय, गोदाम इत्यादि होने के कारण चौड़ी सर्विस रोड की अवयकता है। जमशेदपुर शहरी क्षेत्र में NH-33 के उपर हमेशा ही बड़ी-बड़ी गाडि़याँ खड़ी रहती है। जिसके चलते अक्सर जाम की स्थिति बनी रहती है एवं राहगीर दुर्घटना के शिकार होते रहते हैं।
  6. NH-33 से पटमदा (पारडीह काली मंदिर के सामने) की ओर जाने के लिए VUP एवं सर्विस रोड का निर्माण : चाण्डिल से जमशेदपुर की ओर आने के क्रम में पारडीह (CH-243.650) में आस्था का प्रतीक माने जाने वाली प्राचीन काली मंदिर स्थित है। प्राचीन काली मंदिर के विपरित दिशा में बोड़ाम, पटमदा होते हुए पश्चिम बंगाल जाने के लिए रास्ता बना हुआ है। मंन्दिर की महत्त्व एवं मंन्दिर से जमशेदपुर शहरी क्षेत्र को जोड़ने के लिए सर्विस रोड एवं NH-33 से पटमदा जाने वाले रास्ते के संयोग स्थल पर VUP (CH-243.650) बनाने की आवयकता है, लेकिन उक्त स्थल पर रॉ कम होने के कारण कठिनाईयों का सामना करना पड़ेगा।
  7. EUP के टेंपरोरी डिवीजन का परमानेंट सर्विस रोड में परिवर्तन :- किमी 243.961 पर बनने वाली EUP में टेंपरोरी डिवीजन का प्रावधान है। उक्त स्थल पर टेंपरोरी डिवीजन का उपयोग सर्विस रोड के रूप में नहीं किया जा सकता, क्योंकि इससे हाथियों का आवागमन बाधित होगा। ज्ञात हो कि 243.650 पर एक VUP का प्रावधान है, अर्थात 311 मी. के अन्दर एक EUP एवं VUP प्रस्तावित है। अतः इस समस्या के निदान के लिए डिजाइन में परिवर्तन की आवयकता होगी।
  8. फॉरेस्ट क्लियरेंस एवं HT विद्युत टॉवर का शिफ्टिंग :- प्राचीन काली मंदिर को सुरक्षित रखने के लिए रोड एलाइनमेंट में परिवर्तन कि आवयकता होगी। रोड एलाइनमेंट में परिवर्तन एवं किमी. 243.650 एवं 243.961 पर बनने वाली VUP एवं EUP के लिए दलमा वाइल्ड लाइफ सेंचुरी/फॉरेस्ट से क्लियरेंस एवं DVC HT 132 kv एवं 220 kv टॉवर स्थानान्तरित करने की आवश्यकता है।
  9. पारडीह चौक एवं डिमना में क्रॉसिंग :- औद्योगिक शहर जमशेदपुर की विभिन्न परियोजनाओं की आर्थिक गतिविधियों के कारण हर राज्य से आने वाली यात्री बसें, मालवाहक छोटी एवं बड़ी गाडि़याँ शहर में प्रवेश करती है। छोटी एवं बड़ी गाडि़याँ पारडीह एवं डिमना होते हुए शहर के अलग-अलग स्थानों के लिए आवागमन करती है। इसके अलावा टाटा स्टील कंपनी से माल ढुलाई करने वाली ट्रेलर, ट्रक एवं कम्पनी में निर्मित गाडि़याँ इसी रास्ते को उपयोग करती है। गाडि़यों की संख्या काफी अधिक होने के कारण हमेशा ही डिमना एवं पारडीह चौक पर जाम की स्थिति बनी रहती है।

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