
जमशेदपुर : राष्ट्रीय बाल संरक्षण अधिकार आयोग (एनसीपीसीआर), नई दिल्ली द्वारा बिष्टुपुर स्थित कोचिंग संस्थान प्रेरणा क्लासेस से फीस वापसी संबंधी एक अभिभावक की शिकायत पर संज्ञान लेते हुए उपायुक्त पूर्वी सिंहभूम को फीस वापस कराने के लिए कार्रवाई का निर्देश दिया गया है. ज्ञात हो कि एक अभिभावक सुनील कुमार ने अपने पुत्र हर्षदीप का वर्ग 8 में कोचिंग के लिए प्रेरणा क्लासेस में पूरे एक वर्ष की कोचिंग का फीस एकमुश्त 34 हजार 220 रुपये जमा कर मार्च 2020 में एडमिशन कराया था. परंतु कोविड-19 के आलोक में लॉकडाउन के कारण अब तक एक दिन भी कक्षा शुरू नहीं हुई. कक्षाएं शुरू नहीं होने तथा 6 माह से अधिक समय बीत जाने के कारण कोर्स की बाकी बचे अवधि में अब कोर्स पूरा हो पाना भी संभव नहीं है. अतः जिस उद्देश्य से उक्त कोचिंग संस्थान में श्री कुमार ने अपने बच्चे का एडमिशन कराया था, उक्त उद्देश्य की पूर्ति नहीं हो पाने के कारण श्री कुमार ने संस्थान से फीस वापसी की मांग की. संस्थान द्वारा ऑनलाइन क्लास जारी रहने की बात कही गई, जिस पर श्री कुमार का कहना है कि ऑनलाइन क्लास के लिए उनसे कोई सहमति नहीं ली गई थी. (आगे की खबर नीचे पढ़ें)

साथ ही यह भी कहा कि उन्होंने अपने बच्चे को ऑनलाइन क्लास के लिए नहीं, बल्कि क्लास रूम टीचिंग के लिए संस्थान में उतने फीस देकर एडमिशन कराया था. ऑनलाइन क्लास कराना रहता तो कई नामी कोचिंग संस्थानों के ऑनलाइन पैकेज काफी कम फीस पर बाजार में उपलब्ध हैं. लगातार मांग की अनदेखी करने पर श्री कुमार द्वारा फीस वापसी के लिए अगस्त 2020 में एक लिखित आवेदन निदेशक प्रेरणा क्लासेस को दिया गया. इसके बावजूद आवेदन के आलोक में संस्थान द्वारा न ही कोई सूचना दी गई एवं न ही कोई कार्रवाई की गई. फीस वापस नहीं करने संबंधी संस्थान की मंशा प्रतीत होने पर बाध्य होकर अभिभावक श्री कुमार द्वारा फीस वापसी की गुहार लगाते हुए सभी विवरणों सहित लिखित शिकायत जिला शिक्षा अधीक्षक पूर्वी सिंहभूम, उपायुक्त पूर्वी सिंहभूम तथा राष्ट्रीय बाल संरक्षण अधिकार आयोग, नई दिल्ली से की गई. मामले पर संज्ञान लेते हुए राष्ट्रीय बाल संरक्षण अधिकार आयोग, नई दिल्ली द्वारा उपायुक्त पूर्वी सिंहभूम को अभिभावक के फीस वापसी संबंधी आवश्यक कार्रवाई करने का निर्देश दिया गया है. श्री कुमार ने कहा कि विभिन्न नामी-गिरामी कोचिंग संस्थानों द्वारा विभिन्न कक्षाओं के कोचिंग क्लास हेतु ऐसे हजारों बच्चों के एडमिशन से करोड़ों रुपए लेकर एक दिन भी क्लास न होना और पूरी फीस को पचा जाना अभिभावकों के साथ धोखेबाजी और ठगी है.