अन्नी अमृता / जमशेदपुर : गया वो जमाना जब सिक्योर्ड नौकरी पाना ही एकमात्र विकल्प समझा जाता था. आज भारत के युवा स्टार्ट अप के माध्यम से हर दिन एक नई कहानी लिख रहे हैं. झारखंड की औद्योगिक राजधानी कहे जानेवाले जमशेदपुर के युवा भी कम नहीं हैं. जमशेदपुर की श्वेता मुंध्रा ने झारखंड का पहला नवजात एवं मातृत्व स्टूडियो बिष्टुपुर में खोल दिया है जहां वे अपने पैशन यानि फोटोग्राफी के जरिए अनूठे पलों को कैद करती हैं. आपको ये जानकर हैरानी होगी कि श्वेता पूना से ग्रेजुएशन और बैंगलोर से एमबीए करने के बाद भारत और फिर यूएसए, नीदरलैंड जैसे देशों में कई कंपनियों में सालों तक नौकरी कर चुकी हैं और आज उन्होंने अपने शौक फोटोग्राफी को स्टार्ट अप का जरिया बना लिया है. आप सोच रहे होंगे कि फोटोग्राफी स्टूडियो तो कई हैं फिर इसमें नया क्या है ? (नीचे भी पढ़ें और देखें वीडियो)
दरअसल कहानी इतनी छोटी नहीं है. आजकल आप देखते होंगे सेलिब्रेटी अपने गर्भावस्था और नवजात के जन्म के बाद की स्पेशल फोटो शूट कराती हैं. ये ट्रेंड पश्चिमी देशों से आया है और फिलहाल भारत के उच्च वर्ग और मशहूर हस्तियों तक ज्यादा लोकप्रिय है. उच्च मध्य वर्ग और मध्य वर्ग में इस ट्रेंड ने फिलहाल दस्तक दी ही है. धीरे-धीरे यह फैशन बनता जा रहा है. हालांकि यह फैशन अभी शुरूआती दौर में है लेकिन मूल रूप से लौहनगरी जमशेदपुर की रहनेवाली श्वेता मुंध्रा ने इस रूझान को भविष्य के मार्केट के सुनहरे दौर के रूप में देखते हुए अपनी दूरदर्शिता का परिचय देते हुए इसी ट्रेंड को समर्पित झारखंड का पहला मातृत्व एवं नवजात स्टूडियो बिष्टुपुर में खोल लिया है. कोविड काल में विदेश से भारत आकर वर्क फ्रॉम होम के दौरान आया श्रेता मुंध्रा को आईडिया. (नीचे भी पढ़ें)
श्वेता बैंगलोर से एमबीए करने के बाद कुछ समय तक भारत में विभिन्न कंपनियों में नौकरी करती रहीं. कुछ साल पहले अपने बेटे के जन्म के बाद पति के साथ अमेरिका चली गई थीं जहां कुछ साल काम करने के बाद वे नीदरलैंड चली गईं. वहां उन्होंने बतौर एचआर विभिन्न कंपनियों में काम किया. विदेश में रहने के दौरान ही उन्होंने अपने बच्चे का भी फोटोशूट कराया और वहां गर्भवती स्त्रियों और जन्म के बाद बच्चे के स्पेशल फोटो शूट के कल्चर को करीब से देखा. इससे प्रभावित होकर उन्होंने नीदरलैंड में फोटोग्राफी का खास कोर्स किया. कोविड काल में जब वे भारत आईं और यहां वर्क फ्रॉम होम कर रही थीं, तब उनके दिमाग में अपने शौक फोटोग्राफी को लेकर कुछ नया करने का आईडिया आया, हालांकि राह आसान नहीं थी. लेकिन उन्होंने कदमा स्थित अपने पिता के घर के पीछे वाले स्टोर रूम को स्टूडियो बनाया और फोटोग्राफी का काम अपनी एक असिसटेंट के साथ मिलकर शुरू किया. (नीचे भी पढ़ें)
ज्यादातर वे फूड या कॉरपोरेट फोटोग्राफी करती रहीं. हालांकि शुरू में खास आर्थिक लाभ नहीं होता था. एक सच यह भी है कि अब भी फोटोग्राफी के क्षेत्र में पुरूषों के मुकाबले स्त्रियों की संख्या काफी कम हैं. लेकिन श्वेता ने हौसला नहीं खोया. वे मानती हैं कि आज देश में बड़ी संख्या में लोग खासकर महिलाएं अपनी हॉबी से जुड़े स्टार्ट अप को सींचने में जुड़ी हुई हैं तो फिर वे क्यों नहीं कर सकती हैं. धीरे-धीरे उनका काम चलने लगा. चूंकि वे खास तौर पर मातृत्व एवं नवजात से जुड़े पलों की फोटोग्राफी की प्रशिक्षित फोटोग्राफर हैं इसलिए उन्होंने अपने काम को आगे बढ़ाते हुए बिष्टुपुर में अलग से स्टूडियो खोल लिया जो आज चर्चा का विषय बना हुआ है. झारखंड में जमशेदपुर ही ऐसी जगह है जहां मातृत्व एवं नवजात को समर्पित फोटो स्टूडियो है. जब उनसे पूछा गया कि ट्रेंड या फैशन जिसने दस्तक ही दी है उसके भविष्य के मार्केट में डिमांड की संभावनाओं को परखने में एमबीए और उसका अनुभव काम आया होगा तो उन्होंने इंकार नहीं किया. श्वेता का मानना है कि उम्र के किसी भी मोड़ पर नौकरियों के अनुभव का फायदा लेते हुए अपने शौक को मूर्त रूप दिया जा सकता है. (नीचे भी पढ़ें)
उन्होंने बताया कि जब वे 40 की उम्र में बच्चे की मां होते हुए एमबीए की डिग्री से पाई नौकरियां छोड़कर अपने शौक को स्टार्प अप में तब्दील कर सकती हैं तो आज के युवा क्यों नहीं ? आजकल जब तकनीक इतनी मजबूत है कि हर वह व्यक्ति जो स्मार्ट फोन रखता है तस्वीरें क्लिक करता है फिर भी लोग क्यों प्रोफेशनल फोटोग्राफर के पास जाते हैं ? श्वेता कहती हैं कि फोटोग्राफी सिर्फ तकनीक ही नहीं एक कला है. जिन खास क्षणों को कैमरे में कैद करना होता है वे जिदंगी भर यादगार होते हैं और उसके लिए तकनीक के साथ जिन बारीकियों वगैरह, एंगल, लाईट को देखना होता है वह एक कला है जो प्रशिक्षित फोटोग्राफर के पास होता है. मां बनना अपने आप में अनूठा अनुभव होता है. सालों बाद जब उन पलों को एक मां देखती है कि कैसे बच्चा उसकी कोख में था और जन्म के समय कैसे क्षण थे तब उसकी भावनाओं को बयां नहीं किया जा सकता. अपने स्टूडियो में श्वेता गर्भवती स्त्रियों, मां और बच्चे को एक सुरक्षित वातावरण में फोटोग्राफी की सुविधा देने की कोशिश करती हैं. श्वेता मुंध्रा को फैशन फोटोग्राफी का भी शौक है. अगर उन्हें इसके लिए मेट्रो शहरों में कोई मौका मिले तो वे छोड़ना नहीं चाहेंगी.