जमशेदपुर : कोरोना ने पूरा जनजीवन ठप कर दिया था. जो शौकिया पेंटिंग या अन्य आर्ट से जुड़े थे वे एक्सपोजर के अभाव में बोरडम का शिकार हो गए थे, वहीं जिनकी इससे रोजी रोटी जुड़ी थी उनकी तो दशा ही खराब हो चली थी. अब जीवन सामान्य होते-होते कला जगत की दुनिया भी वापस अपने रंग में आने लगी है. उसी कड़ी में वन विभाग मानगो के कार्यालय में आर्टिस्ट फोरम आफ जमशेदपुर की ओर से तीन दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया. (नीचे भी पढ़ें)
तीन दिनों तक चले इस कार्यशाला में जमशेदपुर के 40 कलाकारों ने भाग लिया जिन्होंने एक से बढ़कर एक कलाकृतियां बनाकर लोगों का दिल जीत लिया. समापन कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रुप में मानगो के रेंजर दिग्विजय सिंह, समाजसेवी पूर्वी घोष, विप्लव रॉय, जमशेदपुर के ऐलाई सिंह शामिल थे. ऐलाई सिंह को कला गुरु के नाम से जाना जाता है. समारोह में प्रतिभागियों को प्रमाणपत्र दिए गए. वहीं कला गुरू ऐलाई सिंह को शॉल ओढ़ाकर सम्मानित किया गया. (नीचे भी पढ़ें)
कार्यक्रम में अतिथि दिग्विजय सिंह ने कहा कि चित्रकारी के क्षेत्र में गांवों में भी कई प्रतिभाएं हैं जिसे सामने लाना चाहिए. समाजसेवी पूर्वी घोष ने अपने विचार व्यक्त करते हुये कहा कि हर चित्रकार को दूसरे चित्रकार का सहयोग करना चाहिए. पैसे के पीछे उन्हें नहीं भागना चाहिए. समाजसेवी चंदन जायसवाल ने कहा कि ग्रामीण कला के जरिए विलेज टूरिज्म का विकास किया जा सकता है.