spot_img

jamshedpur-positive-story-तुम उड़ा देते हो 400-1000 रुपये रेस्टोरेंट में, उनके पास चप्पल के 100 रुपये नहीं, चाईबासा की नेहा ने लगा दिया चप्पलों का मेला, समाज में बनी मिसाल, देखिये-कोल्हान की-good-story

राशिफल


अन्नी अमृता
जमशेदपुर: चाईबासा की नेहा एक ऐसी युवा है जो आज अपने सामाजिक कार्यों खासकर छोटे छोटे गरीब बच्चों के लिए अपने अनोखे अंदाज़ के कार्यों की बदौलत चर्चा में हैं.उनकी ट्वीट पर प्रशासन जाग जाता है.आप सोच रहे होंगे कम उम्र की इस लड़की में ऐसी क्या खास बात है.सोचिए आज जब बच्चे और युवा अपने कपड़ों, फैशन को ही प्राथमिकता देते हैं वहां यह युवा गरीब बच्चों को कपड़े चप्पल देती रहती है…आप जहां रेस्टोरेंट में 400-1000रूपये एक शाम उड़ा देते हैं वहीं 100रूपये की चप्पल न खरीद पाने वाले बच्चों के लिए नेहा निषाद न सिर्फ नए चप्पलों का मेला लगा देती है बल्कि जब जब संभव होता है वह इन बच्चों को किसी शाम रेस्टोरेंट में खिला देती है. कई रेस्टोरेंट मालिक और नेहा के दोस्त उसके इस नेक काम में आर्थिक मदद करते हैं (नीचे भी पढ़े)

चिराग श्री के बैनर तले बीहड़ इलाकों में छोटे गरीब बच्चों की क्लास लगाती है नेहा

चाईबासा शहर और दूर दराज के गांवों में नेहा अपनी संस्था चिरागश्री के बैनर तले छोटे छोटे गरीब बच्चों को पढ़ाती हैं.उनके लिए कापी, किताब, कपड़ें वगैरह की व्यवस्था करती हैं.वह सिर्फ कपड़े या सामान या चप्पल बांट कर इतिश्री नहीं करती बल्कि कपड़े न पहनने वाले बच्चों को कपड़े पहनाकर, चप्पल पहनाकर उनकी खुशी में शरीक होती है और ऐसे बच्चों की खुशियों के पल को मोबाइल में कैद करके उसे ट्वीटर पर डालकर अन्य सामर्थ्यवान लोगों को मदद के लिए प्रेरित करती हैं.उनकी हर ट्वीट में किसी गरीब बच्चे की खुशी नज़र आएगी. जहां लोग अपने बच्चों की इच्छा पूरी करते फूले नहीं समाते वहां नेहा अभावों में जी रहे बच्चों के लिए सामान जुगाड़ करने में लगी रहती है. नेहा की ट्वीट कुछ अलग ही रहती है, यही वजह है कि उनकी लोकप्रियता बढ़ती जा रही है.पिछले दिनों उन्होंने चक्रधरपुर के एक स्कूल के बच्चों की तस्वीर ट्वीटर पर अपलोड की थी जिसमें गरीब बच्चों ने छाता के अभाव में पत्तों से ही अपना सिर ढक लिया था.(नीचे भी पढ़े)

सोशल मीडिया में यह तस्वीर तेजी से वायरल हुई जिसे देखकर विदेश में रहनेवाले जमशेदपुर के ही एक सज्जन ने उन बच्चों के लिए बड़ी संख्या में छाते भेज दिए. नेहा कहती हैं कि समाज के सामर्थ्यवान लोग मिलकर गरीबों की मदद कर सकते हैं. बहुत ज्यादा नहीं मगर छोटी मोटी जरुरत की चीजें उपलब्ध कराई जा सकती है.किसी शाम हजार दो हजार खर्च करने में हमें संकोच नहीं होता फिर सौ रुपये की चप्पल की मदद करने में हम इतना क्यों सोचते हैं.वैसे तो बहुत सारे लोग सामाजिक कार्यों में लिप्त रहते हैं. लेकिन अपनी कम उम्र में ही इतनी सक्रियता और उच्च विचार की वजह से नेहा निषाद चर्चित हो गई हैं.(नीचे भी पढ़े)

नेहा की ट्वीट पर प्रशासन ने चंद घंटों में गरीब के घर पहुंचा दिया था टीवी

भारतीय महिला हॉकी टीम में शामिल झारखंड की बेटी सलीमा टेटे के अपने गांव और घर में लोग बेटी का मैच नहीं देख पा रहे थे. नेहा के ट्वीट के कुछ घंटों में ही प्रशासन ने टीवी पहुंचा दिया था.खोज खोजकर गरीब बच्चों को नए कपड़े पहनाकर उसकी खुशियों को ट्वीटर पर कुछ यूं नेहा लिखती है कि लोगों का ध्यान चला ही जाता है. नेहा अनाथ ज्योति को नए कपड़े पहनाती है और उसका हंसता मुस्कराता फोटो डालकर लिखती हैं- न काजल न कुमकुम,न लाली न लिपस्टिक, ज्योति इतनी सुंदर है मानो अपनी मां की तरह. अनाथ है मगर यह हमेशा खुश रहती है और पूरे गांव में अपनी मुस्कान के लिए जानी जाती है.(नीचे भी पढ़े)

ऐसे ही नेहा ने एक दिन कांटी ठोंककर किसी तरह चप्पल पहन रही एक बच्ची की कहानी ट्वीटर पर लिखी जिसे नया चप्पल मिला.नेहा ने पूछा-क्या इसे रात भर नींद आई होगी? सोचिए यह युवा एक छोटी सी गरीब बच्ची की इस कहानी के माध्यम से कैसे सबको सोचने पर मजबूर कर रही है कि जो हमारे पास है वह बहुत है, बहुतों के पास तो कुछ भी नहीं.क्या हम किसी एक जरुरतमंद को नया चप्पल नहीं दे सकते ?

spot_img

Must Read

Related Articles

Don`t copy text!