

जमशेदपुर : केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा सोमवार को संसद में पेश किये गये आम बजट पर एक्सएलआरआई के प्रो केआर श्यामसुंदर ने आम बजट 2021-22 को कामकाजी लोगों के लिए निराशाजनक बताया है. उन्होंने कहा है कि अर्थव्यवस्था को देखते हुए बाजार में अभी मंदी चल रही है. अभी बाजार में पैसे की की बहुत कमी है. आम बजट में तीन प्राथमिक उपायों की आवश्यकता है, जो केंद्रीय बजट से बाहर हैं. सबसे पहले तो व्यापार को पुनर्जीवित करने के लिए विशेष रूप से कोविड -19 के बाद पर्यटन क्षेत्रों पर विशेष रूप से ध्यान दिया जाना चाहिए था, क्योंकि पर्यटन ही एक ऐसा क्षेत्र है जहां से सरकार के पास काफी पैसा जमा हो सकता है. उन्होंने कहा है कि यह बात अधिक हैरान करने वाली है कि सरकार अभी भी कुछ मानदंडों पर परिभाषित करने में असमर्थ है. उन्होंने बताया इसे लागू करने में अभी भी देर नहीं हुई है. कोई प्रत्यक्ष कर नहीं हैं, जो मध्यम वर्ग के लोगों को बाजार में जाने के लिए मजबूर करेगा. क्योंकि उनकी जेब में बहुत कम पैसा बचा होगा. उन्होंने कहा कि सड़कों के निर्माण जैसे बुनियादी ढांचे में भारी निवेश कुछ रोजगार पैदा कर सकता है. बजट मनरेगा पर बजटीय आवंटन या शहरी रोजगार आश्वासन योजनाओं को ग्रामीण योजना के समान बनाने पर उन्होंने कोई विचार नहीं किया. बजट में केवल विधायी न्यूनतम मजदूरी, महिला श्रमिकों के लिए सभी क्षेत्रों में राहत दी गई है इसके साथ सामाजिक सुरक्षा आदि जैसे विधायी उपायों को दोहराया गया है. कोई अर्थ निकालने के लिए केंद्रीय बजट में कोई वित्तीय आवंटन नहीं किया गया है. उन्होंने कहा कि अगर उदाहरण के लिए सोशल सिक्योरिटी फंड या स्किलिंग फंड को महत्व दिया जाता है, तो इसके साथ ही बजट में सुधार प्रक्रियाओं को तेज किया जाना चाहिए.
