
जमशेदपुर:शिक्षा संस्कृति उत्थान न्यास झारखंड द्वारा विश्व पर्यावरण दिवस के अवसर पर पर्यावरण संकट सृष्टि पर प्रभाव और समाधान विषय पर प्रांतीय परिसंवाद का आयोजन किया गया l कार्यक्रम का आयोजन सर्वप्रथम ओंकार ध्वनि तथा सरस्वती वंदना से किया गया l उसके बाद अतिथियों का परिचय डॉ श्वेता ने कराया lजिसमें मुख्य वक्ता प्रोफेसर अशोक कुमार श्रीवास्तव डायरेक्टर रिसर्च एक्सीलेंस ओपी जिंदल यूनिवर्सिटी में इकोसिस्टम रीस्टोरेशन, पारिस्थितिकी तंत्र की पुनर बहाली पर पावर पॉइंट प्रेजेंटेशन द्वारा बहुत ही अच्छे ढंग से समझाया l उन्होंने पर्यावरण के विभिन्न पहलुओं के बारे में बताते हुए यह बताया कि कैसे हम लोग पारिस्थितिकी तंत्र को बचा सकते हैं और उसको बैलेंस कर सकते हैं l जिसमें हम मनुष्यों की अहम भूमिका है हम अपनी छोटी-छोटी आदतों में सुधार लाकर पर्यावरण को दुरुस्त रख सकते हैं।दूसरे मुख्य वक्ता मनोज कुमार सिंह संयोजक पर्यावरण पहल, सदस्य खादी एवं ग्रामोद्योग आयोग भारत सरकार ने अपने अपने व्याख्यान में भारतीय मूल्य और संस्कृतियों से पर्यावरण को होने वाले फायदे के बारे में बताया। उन्होंने तथाकथित माननीय विकास और पर्यावरण के विनाश के विभिन्न पहलुओं को भी अपने बयान में उजागर किया l आधुनिक जीवन शैली का हमारे पर्यावरण के साथ-साथ हमारे स्वास्थ्य पर भी क्या दुष्प्रभाव पड़ता है इन सभी बातों पर भी उन्होंने प्रकाश डाला l मुख्य अतिथि शिक्षा संस्कृति उत्थान न्यास के पालक अधिकारी डॉ रंजीत प्रसाद ने कहा कि हमें अपने जीवन शैली में परिवर्तन लाने की जरूरत है l उन्होंने कहा कि हम अपनी कार्यशैली में बदलाव लाकर पर्यावरण को कम से कम नुकसान करने का प्रयास करें l जल संरक्षण के लिए हमेशा प्रयासरत रहें, प्लास्टिक का कम से कम उपयोग करें तथा भारतीय मूल्य और संस्कृतियों का आदर करें lकार्यक्रम के अध्यक्षीय उद्बोधन में डॉ कविता परमार पर्यावरण प्रांत प्रमुख शिक्षा संस्कृति उत्थान न्यास ने पर्यावरण के प्रति भारतीय दृष्टिकोण को पूरे विश्व में अपनाए जाने पर जोर दिया क्योंकि भारतीय दृष्टि में ही पर्यावरण के प्रति श्रद्धा श्रद्धा एवं उत्तरदायित्व का बोध होता है l उन्होंने व्यावहारिक पर्यावरणीय शिक्षा को भारतीय दृष्टि के साथ आगे बढ़ाने पर जोड़ दिया तथा सभी से अपील किया कि हम सभी को अपनी जीवनशैली को भारतीय संस्कृति के अनुसार अनुपालन करने का प्रयास करना होगा l उन्होंने पर्यावरण को बचाने के लिए आधुनिकता के चश्मे को उतारकर विकास की नई परिभाषा गढ़ने की अपील की l कार्यक्रम का संचालन डॉ श्वेता ने किया जो ग्रेजुएट कॉलेज की शिक्षिका के साथ साथ शिक्षा संस्कृति उत्थान न्यास के पर्यावरण विषय की जमशेदपुर विभाग संयोजक हैंl धन्यवाद ज्ञापन डॉक्टर के के कमलेंद्र असिस्टेंट प्रोफेसर ग्रेजुएट कॉलेज ने किया l कार्यक्रम का आयोजन गूगल मीट के द्वारा किया गया था जिसमें 100 से अधिक प्रतिभागियों ने हिस्सा लिया lकार्यक्रम में मुख्य रूप से गौरी गोपाल सहाय प्रांतीय अध्यक्ष शिक्षा संस्कृति उत्थान न्यास, अमरकांत झा संयोजक, प्रोफेसर विजय कुमार सिंह रजिस्टार सरला बिरला विश्वविद्यालय तथा संयोजक शिक्षा संस्कृति उत्थान न्यास, महेंद्र सिंह सहसंयोजक, डॉक्टर कल्याणी कबीर, डॉ विनीता परमार, हिम्मत मंजू सिंह आदि लोग शामिल थे।