जमशेदपुर : टाटानगर रेलवे की हाउसिंग कॉलोनियों के क्वार्टरों पर दबंगों ने कब्जा जमा लिया हैं. लोको कॉलोनी, कैरेज कॉलोनी, बागबेड़ा लाल बिल्डिंग, ट्रैफिक कॉलोनी, मेडिकल कॉलोनी और इंजीनियरिंग कॉलोनी के लगभग 450 घरों पर दबंगों का कब्जा हैं. इन घरों को भाड़ें पर लगाकर लाखों रुपए भाड़ा कमाने का गोरखधंधा पिछले कई सालों से जारी है. इंजीनिरिंग विभाग के आईडब्ल्यू हाउसिंग डिपार्टमेंट के कर्मचारियों व अधिकारियों, प्रशासन, यूनियन के नेताओं और लोकल दंबगों के बनाए गए इस सिडिकेंट पर किसी का ध्यान नहीं है या यूं कहें कि कोई ध्यान देना नहीं चाहता. (नीचे भी पढ़ें)
क्योंकि जिन लोगों की इस विषय को लेकर जवाबदेही है, वहीं लोग इस काले धंधे में संलिप्त हैं. टाटानगर में रेलवे की क्वार्टर की बात करें तो ए, बी, सी टाइप क्वार्टर कर्मचारियों को अलॉट किए जाते है. इसके अनुसार ही दबंग घर के भाड़े का रेट तय करते है. ए टाइप क्वार्टर का भाड़ा 2000 रुपए, बी टाइप का 3000 से 3500 और सी टाइप का 4000 से 6000 तक भाड़ा वसूला जाता है. (नीचे भी पढ़ें)
टाटानगर की रेलवे कॉलोनियों में 2300 क्वार्टर हैं. मरम्मत न होने और देखरेख में कमी के कारण कई क्वार्टर पुराने हो चुके हैं और रहने की स्थिति में नहीं है, इसलिए कर्मचारी इन क्वार्टरों को अलॉट नहीं करवाते हैं. रेलवे अपने सभी कर्मचारियों को एचआरए (आवास भत्ता) देती है और इन पैसों में वह दूसरा फ्लैट भाड़ें में आसानी से ले सकता है तो जर्जर क्वार्टर क्यूं लें. इसी बात का फायदा उठाकर दबंग इन क्वार्टरों का ताला तोड़कर कब्जा जमा लेते हैं और मनचाहा पैसा वसूलते है. अगर क्वार्टर बहुज जर्जर स्थिति में है तो काम चलाऊ मरम्मत भी करवाते है ताकि आसानी से लोग घर ले सकें.