जमशेदपुर: भारतीय रेड क्रॉस सोसाईटी, पूर्वी सिंहभूम ने हिरोशिमा, नागासाकी पर अगस्त 1945 के एटम बम के प्रहार और उससे मानवता को हुए नुकसान को याद करते हुए, मंगलवार को रेड क्रॉस भवन में हिराशिमा नागासाकी स्मृति दिवस पर आयोजन करते हुए अब और युद्ध नहीं का संकल्प दुहराया. रेड क्रॉस भवन में संध्या में आयोजित ‘से नो टू वार’ कार्यक्रम में अपने विचार रखते हुए समाजसेविका और रेड क्रॉस की सदस्य पुरबी घोष ने कहा कि रेड क्रॉस सोसाईटी ने इस दिवस की स्मृति करा कर यह बताया है कि युद्ध मानवता का सबसे बड़ा शत्रु है.(नीचे भी पढ़े)
आज पूरी दुनिया में बड़े देश अपना वर्चस्व स्थापित करने के लिए छोटे छोटे देशों को दबा रहे हैं, जिसके कारण एक बार फिर हम विश्व युद्ध के मुहाने पर आ खड़े हुए हैं, उन्होने कहा कि हमें जरूरत है कि हम युद्ध को नकारे और हर बार कहें कि हमें युद्ध नहीं शान्ति चाहिए. सामाजिक कार्यकर्ता व रेड क्रॉस के पेट्रन अनुपम सिन्हा ने कहा कि युद्ध एक व्यापार रणनीति है, जिससे हथियार बेचने और खरीदने वालों का फायदा होता है, हमें ऐसे रणनीति को असफल बनाना होगा, हर मोर्चे पर हम युद्ध को ना कहें. मुख्य वक्ता के रूप में उपस्थित रेड क्रॉस सोसाईटी, पूर्वी सिंहभूम के मानद सचिव विजय कुमार सिंह ने कहा कि युद्ध हर मोर्चे पर इंसानियत को पीछे धकेल देता है.(नीचे भी पढ़े)
हम सभी यह तय करें कि सिर्फ बड़े मोर्चे पर ही नहीं छोटे से छोटे स्थानों में चल रहे विवादों में भी आपसी समझ का रास्ता सुझायें, युद्ध आज सिर्फ सीमाओं का ही मुद्दा नहीं है, यह हम सभी के जीवन से जुड़ा मुद्दा है, अगर हम युद्ध को नकारेंगे तो मानवता के लिए कुछ अच्छा कर पायेंगे। हिरोशिमा और नागासाकी के एटम बम का जहर आज भी वहां के जन्म लेने वाले बच्चों की अपंगता का कारण है, वर्तमान का एक भी आणविक युद्ध पूरी मानवता को खत्म कर देगा, इसमें सिर्फ वो नहीं मरेंगे जिस पर प्रहार हुआ, वो भी मरेंगे जिसने प्रहार किया.(नीचे भी पढ़े)
इस कार्यक्रम की शुरुआत 6 एवं 9 अगस्त 1945 में क्रमशः हिरोशिमा और नागासाकी पर हुए एटमबम प्रहार से मरने वाले लोगों के लिए दो मिनट का मौन रखकर किया गया, जिसके पश्चात वक्ताओं ने अपने विचार रखें, कार्यक्रम का संचालन रेड क्रॉस कार्यकर्ता श्याम कुमार ने किया. कार्यक्रम में रेड क्रॉस के कार्यकर्ता व आम नागरिक शामिल हुए.