जमशेदपुर : जमशेदपुर के उपायुक्त रविशंकर शुक्ला की अध्यक्षता में शनिवार को झारखंड रियल एस्टेट रेगुलेटरी एक्ट के संबंध में बिल्डर एसोसिएशन के सदस्य एवं स्थानीय अन्य बिल्डरों के साथ समाहरणालय सभागार में बैठक संपन्न हुई। बैठक में मुख्य रूप से बिल्डरों को उनके द्वारा बनाए गए फ्लैट अथवा अपार्टमेंट्स के निबंधन में आ रही समस्या के निष्पादन हेतु विस्तार से झारखंड रियल स्टेट रेगुलेटरी एक्ट के संबंध में विस्तार से विचार वमर्श किया गया।
उपायुक्त द्वारा सभी बिल्डरों को यह निर्देश दिया गया कि वह अपने नए प्रोजेक्ट का नक्शा पारित कराने के पश्चात झारखंड रियल एस्टेट रेगुलेटरी एक्ट के तहत उसका निबंधन कराना सुनिश्चित करें जिससे उनके द्वारा बनाए जा रहे फ्लैट/अपार्टमेंट का निबंधन सरलता से किया जा सके जिससे आम लोगों को भी परेशानियों से निजात मिल सके। उपायुक्त द्वारा बिल्डर एसोसिएशन के सदस्यों को बताया गया कि झारखंड रियल एस्टेट रेगुलेटरी एक्ट के धारा 5(2) के अनुसार बिल्डर अपने नए प्रोजेक्ट का नक्शा पारित कराने के पश्चात झारखंड रियल एस्टेट रेगुलेटरी एक्ट के तहत अपना निबंधन कराने हेतु आवेदन करें, यदि 30 दिनों के अंदर उनके आवेदन पर कोई सुनवाई नहीं होती है तो इस धारा के तहत स्वत: निबंधित माना जाएगा। अत: आप आवेदन सम्बन्धी कागजात दिखा कर फ्लैट का निबन्ध का सकते है।वहीं पुराने प्रोजक्ट में यदि एक भी रजिस्ट्री हुई है तो माना जाएगा कि वो प्रोजेक्ट निबंधित है। वहीं उपायुक्त द्वारा सभी बिल्डरों को कहा गया कि उनके अंतर्गत कार्यरत मजदूरों से सम्बन्धित जानकारी श्रम विभाग को उपलब्ध कराए जिससे असंगठित क्षेत्र में कार्यरत श्रमिकों को सरकारी सुविधाओं का लाभ दिलाया जा सके। आज के बैठक में मुख्य रूप से अपर उपायुक्त, अपर जिला दंडाधिकारी(विधि व्यवस्था), सब रजिस्टार, बिल्डर एसोसिएशन के प्रतिनिधि, तीनों निकाय के विशेष पदाधिकारी सहित अन्य पदाधिकारी उपस्थित थे। गौरतलब है कि जमशेदपुर के रजिस्ट्रार द्वारा कई परियोजना की रजिस्ट्री रोक दी थी, जिससे सब परेशान थे। पुरानी बिल्डिंग के लिए रेरा का सर्टिफिकेट मांगा जा रहा था। शार्प भारत ने इसको लेकर भ्रष्टाचार के चल रहे खेल का खुलासा किया था, जिसके बाद जमशेदपुर के उपायुक्त ने मीटिंग की और कार्रवाई की।