जमशेदपुर : झारखंड में झामुमो की हेमंत सरकार अपने बजट के माध्यम से गांव, किसान और महिला को प्राथमिकता में रखते हुए भ्रष्टाचारमुक्त प्रशासन देने के लिए कृतसंकल्पित दिख रही है और इसकी कोशिश हो रही है. लेकिन झारखंड की पूर्ववर्ती सरकार रघुवर दास के राज में पदस्थापित पदाधिकारी हेमंत सोरेन की सरकार पर ही दाग लगा रहे है. ऐसा ही वाक्या इन दिनों जमशेदपुर के रजिस्ट्री ऑफिस (निबंधन कार्यालय) में देखने को मिल रही है. रजिस्ट्री विभाग में इस कदर भ्रष्टाचार उत्पन्न हो चुका है कि बिना चढ़ावा के कोई रजिस्ट्री हो ही नहीं रही है. 20 हजार रुपये हर दस्तावेज पर फिक्स है, ऊपर से जितना काम, उतना दाम के हिसाब से चढ़ावा वसूला जा रहा है. इसमें अधिकारी से लेकर कर्मचारियों तक का सारा कुछ फिक्स है. हाल के दिनों में ऐसे दस से अधिक केस आये है, जहां महिलाओं की रजिस्ट्री को ही यह कहते हुए रोक दिया गया है कि रजिस्ट्री को रोकने का आदेश सरकार से आया है कि अभी एक रुपये में महिलाओं की रजिस्ट्री नहीं होगी. वैसे अब तक झारखंड सरकार ने महिलाओं के एक रुपये की रजिस्ट्री को रोकने का किसी तरह का आदेश जारी ही नहीं किया है. रजिस्ट्रार ने यह कहते हुए कई फाइलों को भी रोक दिया है, जिसमें ”रेरा” का बहाना बनाया गया है.
वैसे मकान, जिसको एक आदमी ने वर्षों पहले बनाया है, जिसका कोई अब तक डेवलपमेंट तक नहीं हुआ है, वैसे मकानों को भी रेरा का सर्टिफिकेट का डिमांड कर दिया जा रहा है. वैसे कानून यह कहता है कि अगर किसी भी व्यक्ति का 500 वर्ग मीटर (500 स्क्वेयर फीट) का बिल्डिंग बना है तो उसको रियल एस्टेट रेगुलेशन एंड डेवलपमेंट एक्ट (रेरा) के तहत रजिस्ट्री या सर्टिफिकेट लेना अनिवार्य है. 1 मई 2016 से इसको प्रभावी किया गया है. केंद्रीय कानून के तहत सभी रियल एस्टेट प्रोजेक्ट को, जहां विकसित होने वाला कुल क्षेत्रफल 500 वर्ग मीटर से ज्यादा है या किसी भी चरण में 8 से ज्यादा अपार्टमेंट्स बनने अनिवार्य है, का अपने राज्य के रेरा में रजिस्टर्ड होना अनिवार्य है. लेकिन जमशेदपुर के रजिस्ट्रार पुरानी बिल्डिंग की खरीद बिक्री, जो दो मंजिला या तीन मंजिला मकान है या फिर 500 वर्ग मीटर से नीचे भी है, उससे भी रेरा का रजिस्ट्रेशन का सर्टिफिकेट मांग रहे है और फाइल को लौटा दे रहे है. बाद में जब बारगेनिंग हो रहा है, माल तय हो जा रहा है, तब रजिस्ट्री कर दी जा रही है. बताया जाता है कि इस काम में रजिस्ट्रार के दफ्तर का मुख्य किरदार में एक डीड राइटर है, जो रजिस्ट्री ऑफिस का चहेता है. इसके माध्यम से ही घूस का डीलिंग हो रहा है और हर दिन लोग परेशान हो रहे है.